बुलडोज़र की कार्रावाई पर बिफरे चंद्रशेखर, अगर ये निर्दोष साबित हुए तब इनके मकान गिराने वाले अधिकारियों…

नई दिल्लीः पैग़ंबर-ए-इस्लाम के अपमान करने वाले भाजपा के पूर्व नेताओं की गिरफ्तारी लेकर शुक्रवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन में यूपी समेत कई राज्यों में हिंसा हो गई थी। यूपी पुलिस द्वारा कथित तौर से हिंसा में शामिल लोगों के मकानों को अवैध बताकर उन पर बुलडोज़र चलाया गया है। पश्चिमी यूपी के सहारनपुर में 60 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, और कई मकानों पर बुलडोज़र चलाया है। यूपी सरकार की इस कार्रावाई भीम आर्मी के प्रमुख और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने सवाल उठाए हैं।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा क “भाजपा शासन में बुलडोज़र सिर्फ मकानों को ध्वस्त नहीं कर रहा है, बल्कि संविधान और अदालत को भी तार-तार कर रहा है। सवाल यह है कि जिनके मकान ध्वस्त किये गए हैं, कल अगर वे अदालत से बरी हो जाते हैं, तब उनके मकानों को तोड़ने वाले अधिकारियों से उनके नुक़सान की वसूली की जाएगी?”

क्या कहती है जमीअत

इस मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा है कि पैगंबर के अपमान के विरुद्ध हुए देशव्यापी प्रदर्शनों पर पुलिसिया हिंसा और स्थिति पर नियंत्रण पाने में असफलता ने जलती आग पर घी डालने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पैगंबर का अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता और इसके विरुद्ध प्रदर्शन करना मुसलमानों और न्यायप्रिय लोगों का संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकार है जिसे रोकने के लिए अंधाधुन गिरफ्तारी, पुलिस फायरिंग और बुलडोजर का इस्तेमाल किसी भी लोकतांत्रिक सरकार के लिए अनुचित है।

उन्होंने कहा कि सरकारों को यह समझना चाहिए कि आप किसी विदेशी दुश्मन से नहीं लड़ रहे हैं बल्कि वे सभी इसी देश के नागरिक हैं। ऐसा काफी संभव होता है कि इस तरह के प्रदर्शनों में असामाजिक तत्व शामिल हो जाते हैं और उनके करतूतों के कारण शांतिपूर्ण नागरिकों को सजा भुगतनी पड़ती है। इसलिए हम युवाओं से अपील करते हैं कि ऐसे तत्वों से सावधान रहें और हर संभव तरीके से शांतिपूर्ण रास्ता अपनाएं।