Category: विशेष रिपोर्ट

MLC चुनावः इन दिग्गज नेताओं में किस पर भरोसा जताएंगे अखिलेश? BJP के साथ BSP मिलकर करेगी खेल?

उत्तर प्रदेश विधानपरिषद की रिक्त हो रहीं 12 सीटों को लेकर राजधानी लखनऊ में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच कपड़े फाड़ प्रतियोगिता शुरू हो गई है। सूबे की सत्ताधारी….

2020 का सफरनामा, जन आंदोलन और सत्ता के फैसले क्या हैं 2021 की चुनौतियां?

नया साल 2021 की पहली सुबह ऐतिहासिक किसान आन्दोलन टिकरी बॉर्डर दिल्ली के तम्बू में एक नया सुकूं दे रही है।  साल 2020 जनवरी की पहली सुबह भी आन्दोलन के….

गहलोत सरकार के दो साल, लेकिन वहीं की वहीं खड़ी हैं उर्दू टीचर्स और पैराटीचर्स की समस्याएं

राजस्थान में बरसों से उर्दू टीचर्स व मदरसा पैराटीचर्स अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं तथा इस आन्दोलन में शुरू से ही उर्दू तालीम व मदरसा तालीम….

राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने ट्रांसफर पोस्टिंग में भी दिखाया अपना ‘सांप्रदायिक’ चेहरा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने आपको गांधी जी का अनुयायी कहते हैं और उनके समर्थक उन्हें राजस्थान का गांधी कहते हैं। लेकिन उनके बहुत से फैसले पूरी तरह से….

ओवैसी के साथ ‘सामाजिक विभाजन’ की तरफ बढ़ रहे मुसलमान!

भारत की मुस्लिम राजनीति में आज हर तरफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ही दिखते हैं। टीवी, अख़बार, न्यूज़ पोर्टल और यू-ट्यूब चैनल्स पर ओवैसी छाए रहते हैं। वह काफी आक्रामक….

उत्तर प्रदेश का धर्मपरिवर्तन कानून, निर्दोषों का जीना हराम करने का हथियार

उत्तरप्रदेश में एक बहुत खतरनाक कानून लागू कर दिया गया है। इसका नाम है ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’। यह नया कानून हिन्दू राष्ट्रवादियों के इस….

किताब समीक्षा : ‘दास्तान-ए-मुगल-ए-आजम’, एक शाहकार फिल्म के बनने की दास्तान

हिंदुस्तानी सिनेमा में फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’, संग-ए-मील की हैसियत रखती है। साल 1960 में आयी इस फिल्म का आज भी कोई जवाब नहीं। यह वाकई लाजवाब है ! फिल्म की रिलीज….

टिकरी बॉर्डर से Live : यहां किसान आंदोलन नहीं कर रहे हैं, आंदोलन को जी रहे हैं।

दिल्ली के बॉर्डर से बहादुरगढ़ बाईपास तक बीस किलोमीटर में फैला आंदोलनकारी किसानों का काफिला। काफिले में आये हुई अलग-अलग गांव के किसान जिन्होंने अपने लाव-लश्कर सत्ता की सड़क पर….

कारगिल लड़ चुके सेना के जवान ने सिंघु बॉर्डर पर पितृभूमि की सुरक्षा के लिए थामी झाड़ू

ऐसे नहीं चलेगा कि जब मन करे, आप फौजियों का पोस्टर लगाकर वोट मांग लें, जब मन करे देशद्रोही और खालिस्तानी कह दें। रिटायर्ड फौजी देविंदर सिंह पाकिस्तान सीमा पर ….

मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह शिक्षा नहीं हालात से निपटने की नाकामी और सरकारी अनदेखी हैं।

एक सामान्य अवधारणा है कि मुसलमान शिक्षा से दूर हो गए या हो रहे हैं। ये बेहद ही सतही दावा है। हां ज्ञान विज्ञान के मामले में यूरोप या अमेरिका….