Category: शख़्सियत

कभी स्कूल नहीं गए फिर भी हैं लोकप्रिय साहित्यकार, आज असगर अली बशारत को मिला पद्मश्री पुरुस्कार

एहसान फ़ाज़िली नयी दिल्ली: राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद द्वारा सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित दूसरे चरण के पद्म पुरुस्कार समारोह में देश की विभूतियों को पद्म पुरुस्कारों से नवाज़ा।….

रुनझुन बेगम: जिंदगी के अंधेरों में संघर्ष का चराग़ जलाने वाली बहादुर महिला

सन 1947 में खुदमुख्तारी हासिल करने के बाद हिन्दुस्तान ने अपने चप्पे-चप्पे पर कानून का राज तो घोषित कर दिया, मगर इसके समाज में अब भी ऐसे कई अंधेरे कोने….

जन्मदिन विशेष: जीते जी वैश्विक धरोहर बन गए थे उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान

बिस्मिल्लाह खान जीवन भर तीन चीज़ों को अपने सीने से चिपटाए रहे – गंगा, बनारस और उनके जनम का स्थान बिहार का डुमरांव क़स्बा. कोई कहता कि खां साब चलिए….

रोशन जहां: ट्रेन के पहियों ने उसके पैर कुचले, लेकिन सपने नहीं

मुंबई की जोगेश्वरी चॉल में रहने वाली रौशन को बचपन में ही किताबों से प्यार हो गया। अब्बू पड़ोस में सब्जी का ठेला लगाते थे। अम्मी भी पढ़ी-लिखी नहीं थीं।….

रिचर्ड एटनबरो जिन्होंने गांधी की छवि को आम आदमी तक पहुंचाया

अवधेश पांडे गांधी’ फ़िल्म एक बहुत महान फिल्म बनी बिल्कुल गांधी की ही तरह। यह फ़िल्म पूरे देश की फिल्म हो गई। गांधी की हत्या के बाद हमारे देश की….

जलीला हैदर: अपने लोगों के लिए ‘आयरन लेडी ऑफ बलूचिस्तान’ तो अमेरिका के लिये ‘इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज’

इस दुनिया में जब-जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दुनिया भर में जलसे होंगे, तब विभिन्न मुल्कों में औरतों के हक-हुकूक के नारे लगाए जाएंगे, उनसे हमदर्दी जताई जाएगी,….

आलम बदी की ईमानदारी के सामने ध्वस्त हो जाती है बड़ी से बड़ी लहर, इस बार भी BJP को मिली निराशा

आजमगढ़: निजामाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक आलम बदी ने एक बार फिर जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के मनोज को 34187 वोट से हराया है।….

नासिरा अख्तर: दुनिया के वैज्ञानिकों को पछाड़कर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट का एक जैविक तरीक़ा खोजने वाली महिला

नई दिल्ली: जब पूरी दुनियां प्लास्टिक वेस्ट (कूड़े) से जंग हार चुकी थी, ऐसे वक्त में एक दसवीं पास महिला ने पर्यावरण संरक्षण का एक अनोखा तरीका ईजाद किया। नारी….

कृश्न चंदरः उर्दू का वह अफ़साना निगार जो भगत सिंह के साथ जेल गया

ज़ाहिद ख़ान उर्दू अदब, ख़ास तौर से उर्दू अफ़साने को जितना कृश्न चंदर ने दिया, उतना शायद ही किसी दूसरे अदीब ने दिया हो। उन्होंने बेशुमार लिखा, हिंदी और उर्दू….

फिराक़ गोरखपुरी ने जवाहर लाल नेहरू को क्यों कहा था क्रिएटर ऑफ हिस्ट्री!

अवधेश पांडेय फ़िराक़ और पं जवाहरलाल नेहरू एक दूसरे की बहुत इज़्ज़त करते थे। 1948 में जब नेहरू इलाहाबाद आए तो उन्होंने फ़िराक़ को मिलने के लिए आनंद भवन बुलाया।….