Category: शख़्सियत

जन्मदिन विशेष: फांसी के पहले बावजू होकर तिलावत ए कुरआन करने वाला महान क्रान्तिकारी अशफाक उल्लाह खां

ध्रुव गुप्त शहीद अशफाक उल्लाह खां भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रखर क्रांतिकारी सेनानियों में एक और ‘हसरत’ उपनाम से उर्दू के अज़ीम शायर थे। उत्तर प्रदेश के कस्बे शाहजहांपुर में….

असरार उल हक़ मजाज़ः जिस रोज़ बग़ावत कर देंगे, दुनिया में क़यामत कर देंगे

नाज़िश अंसारी एक कैफ़ियत होती है प्यार। आगे बढ़कर मुहब्बत बनती है। ला-हद होकर इश्क़ हो जाती है। फिर जुनून। और बेहद हो जाए तो दीवानगी कहलाती है। इसी दीवानगी….

लईक़ उस्मानी: मायानगरी में उसूल के लिए लड़ता रहा एक प्रोड्यूसर

डॉ. अख़लाक़ अहमद उस्मानी लईक़ उस्मानी का मुम्बई में इस 22 सितम्बर 2020 को इंतक़ाल हो गया। एक बेहद ईमानदार और लगनशील प्रोड़्यूसर। फिल्म इंडस्ट्री में ईमानदारी और टेलेंट की….

मौलाना हसरत मोहानीः वह शख्स जिसने दिया ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा और मांगी मुकम्मल आज़ादी

जाहिद खान जंग-ए-आजादी में सबसे अव्वल ‘इन्क़लाब ज़िंदाबाद’ का जोशीला नारा बुलंद करना और हिंदुस्तान की मुकम्मल आज़ादी की मांग, महज ये दो बातें ही मौलाना हसरत मोहानी की बावकार….

निदा फाज़लीः ऐसा शायर जिसकी शायरी दिलों के दरम्यान पुल बनाने का काम करती है

नाजिश अंसारी दोहा जो किसी समय सूरदास, तुलसीदास, मीरा के होंठों से गुनगुना कर लोक जीवन का हिस्सा बना, हमें हिंदी पाठ्यक्रम की किताबों में मिला। थोड़ा ऊबाऊ। थोड़ा बोझिल।….

जब ‘संगम’ की ग़ज़ल की रिकॉर्डिंग के दौरान नुसरत फतेह अली ख़ान की आंखों से निकले थे आंसू

शहंशाह-ए-कव्वली नुसरत फतेह अली खान 28 साल पहले इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। लेकिन उनके जाने के बाद भी उनकी कव्वाली पर झूमने वाली पीढ़ी अभी मौजूद है।….

नुसरत फतेह अली ख़ान: वह इंसान कम आवाज ज्यादा था, बाज लम्हों में वह फकत एक आवाज रह जाता था

अशोक पांडे बुझ जाने के तुरंत बाद काली पड़ गयी मोमबत्ती की नोंक से निकलते धुएं की बारीक सफ़ेद-सलेटी लकीरों का मुलायम ढीला धागा हौले-हौले कुछ तलाश करता हुआ सा….

कृष्णकांत का लेखः आरिफ खान भाई को मेरा सलाम पहुंचे! ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे!

आरिफ खान 200 जिंदगियां बचा कर इस दुनिया से चले गए. ऐसे वक्त में जब सही सलामत लोग भी एक दूसरे से दूरी बनाए हुए थे, आरिफ खान लोगों को….

बेग़म अख़्तरः आवाज़ की वो जादूगर जिन्हें पसंद नहीं आई फिल्मी दुनिया की चमक दमक

लखनऊ: बेगम अख्तर का नाम आते ही मन में गजल,ठुमरी और दादरा का ख्याल आता है जिसे सुन कर लोग झूम उठते थे। उनकी आवाज का जादू ऐसा था कि….

गांधी गोलियों से नहीं मरा करते, और ना ही मूर्तियों से गोडसे में प्राण आते

शरीफ मोहम्मद खिलजी आज देशभर में महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाई जा रही है। 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्में महात्मा गांधी ने अहिंसावादी सिद्दांत के….