Category: चर्चा में

राम पुनियानी का लेखः पहचान की राजनीति के सबसे प्रमुख शिकार हैं मुसलमान

पैगंबर हजरत मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक पोस्टों और कुरान की प्रतियां जलाने की प्रतिक्रिया स्वरूप अभी हाल में अनेक हिंसक घटनाएं हुई हैं। नवीन कुमार, जो बेंगलुरू के एक….

एक तरफ एक अभिनेत्री का आशियाना है, दूसरी तरफ ग़रीबों के 48 हजार घर/ झुग्गियां हैं

कृष्णकांत एक तरफ एक अभिनेत्री का आशियाना है. दूसरी तरफ 48 हजार घर हैं. इन घरों को सभ्य समाज घर नहीं, झुग्गियां कहता है. इन दोनों पर अवैध होने का….

जुमा-जुमा चार दिन की एक नई-नवेली ‘राष्ट्रवादी’ दूसरे ‘हिंदू ​हृदय सम्राट’ को बाबर बता रही है।

कृष्णकांत क्रोनोलॉजी ये है कि हिंदुओं को मुसलमानों से डराओ. इसी कड़ी में अपने विरोधी की सरकार को पाकिस्तानी सरकार बताओ, जहां अपनी पार्टी की सरकार न हो उसे पीओके….

आखिर संघ-भाजपा का शिकार बनी रिया चक्रवर्ती

सिद्धार्थ रामू आखिर रिया चक्रवर्ती राजपूत जाति के देश व्यापी दबदबे, बिहारी सेंटीमेंट, बिहार के चुनाव, गिद्ध मीडिया के ट्रायल, केंद्र में भाजपा की सरकार, बिहार में भाजपा के गठजोड़….

भारत में जनता के असली मुद्दों पर बात होनी कब शुरु होगी?

गिरीश मालवीय भारत मे असली मुद्दे पर बात आखिर कब होना शुरू होगी ? क्या आप जानते है कि कोरोना वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए गेट्स फाउंडेशन द्वारा बनाई गई….

देश में 8,417 आईएएस और आईपीएस अधिकारी जिसमें मात्र 3.46 प्रतिशत मुसलमान हैं, चिंताजनक है स्थिती

राम पुनियानी प्रतिबद्ध व सत्यनिष्ठ विधिवेत्ता प्रशान्त भूषण ने हाल में न्यायपालिका को आईना दिखलाया. इसके समानांतर दो मामलों में न्यायपालिका ने आगे बढ़कर प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की….

महिलाओं के मुद्दों पर “बिग ज़ीरो” हैं महिला पत्रकार

निसार सिद्दीक़ी “महिलाएं ही महिलाओं की असल दुश्मन होती हैं” इस वाक्य पर काफी बहस होती है। कुछ लोग सहमत होते हैं तो कुछ लोग असहमत। लेकिन मीडिया में काम….

रासुका (NSA) जैसा कानून अगर अंग्रेज भारतीयों के खिलाफ लाए होते तो क्या होता?

दीपक असीम जिस राष्ट्र के पास राफेल जैसे आधुनिक जहाज हैं, परमाणु बम हैं, जांबाज फौज है, ढेर सारी पुलिस है, इतने सारे हथियार हैं, देशभक्त संगठन है, अपार बहुमत….

भारतीय आधुनिक लोकतांत्रिक संस्थाओं के चौरतरफा पतन की सामयिक वजह क्या है?

सिद्धार्थ रामू राजनीति, मीडिया और सर्वोच्च न्यायपालिका पतन की पराकाष्ठा पर क्यों पहुंची, नौकरशाही इतनी रीढ़ विहीन कैसे हो गई, अकादमिक जगत का एक बड़ा हिस्सा क्यों और कैसे सत्ता….

कृषि की अमेरिकी तकनीकः किसान को उसी की भूमि में ग़ुलाम बनाने की योजना!

गिरीश मालवीय अमेरिकी कारपोरेट आने वाले दिनो मे भारत के किसानों को हर तरह से अपने कब्जे में रखने की प्लानिंग कर चुका है इसके तहत मोदी सरकार से एक….