Category: मनोरंजन

जन्मदिन विशेष: छोटे पर्दे से निकलकर सिने जगत की ड्रीम गर्ल बनने वाली हेमा मालिनी, सिनेमा और सियासत में जिसने…

बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी आज 73 वर्ष की हो गयी। 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के आमानकुंडी में जन्मीं हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती फिल्म….

सुरैया: सिने जगत की वह अदाकारा अंजाम तक न पहुंची जिसकी प्रेम कहानी, फिल्मों में भी नहीं मिलतीं ऐसी मोहब्बत की मिसाल

कुमार क्षितिज हिन्दी सिनेमा हमेशा से प्रेम की उर्वर जमीन रहा है। यहां दर्जनों प्रेम कथाएं शुरू हुईं और असमय मर भी गईं। लोगों की संवेदना को ऐसी प्रेम कहानियां….

जावेद अख़्तर मामले में कंगना को झटका, बंबई हाई कोर्ट ने खारिज की कंगना की याचिका

मुंबईः  गीतकार जावेद अख्तर की शिकायत पर अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ शुरू की गयी आपराधिक मानहानि की कार्यवाही रद्द करने संबंधी उनकी याचिका को गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय….

स्वरा भास्कर फोटो विवाद दरअसल एक प्रोजेक्ट था और वह कामयाब हुआ!

अरविंद शेष पिछले कुछ सालों से स्वरा जिस भूमिका में थीं, उसमें उन्हें अपने गृह-प्रवेश कर्मकांड की तस्वीरें सार्वजनिक करने का महत्त्व खूब पता था। यह पहले से तय था….

जब सुनील दत्त की परेशानी सुनकर छलक उठे थे दिलीप कुमार के आंसू, रात भर की थी दुआएं

नई दिल्लीः बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता एंव दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त और दिलीप कुमार बहुत अच्छे दोस्त थे। सुनील दत्त अक्सर दिलीप कुमार की तारीफ भी करते थे। दोनों….

दुनिया के नाम अफ़ग़ानिस्तान की फ़िल्म निर्देशक सहरा करीमी का ख़त ‘हमें आपकी आवाज़ की ज़रूरत है।’

मेरा नाम सहरा करीमी है और मैं एक फ़िल्म निर्देशक हूं। साथ ही अफ़ग़ान फिल्म की वर्तमान महानिदेशक हूं, जो 1968 में स्थापित एकमात्र सरकारी स्वामित्व वाली फ़िल्म कंपनी है।….

सियासी किरदार की हसरत लेकर चले गए अनुपम श्याम

नवेद शिकोह अनुपम का अर्थ होता है बेमिमास। अपने नाम के अनुरूप अनुपम श्याम बेमिसाल अभिनेता थे। जिन्दगी ज्यादा नसीब होती और मौत कुछ और मोहलत दे देती तो शायद….

यादों में दिलीप साहब: जब लखनऊ में धरने पर बैठे थे ट्रेजडी किंग

दीपक कबीर लखनऊ GPO यानी गांधी प्रतिमा-हजरतगंज की सफेद सीढ़ियों पर दिलीप कुमार एक दिन धरने पर बैठे थे। उनके साथ जॉनी वाकर या जगदीप मतलब कोई हास्य अभिनेता भी….

यादों में दिलीप कुमार: सदियों में अदाकार-ए-आज़म एक बार ही आता है

खुशदीप सहगल कलाकार या स्टार आते-जाते रहते हैं लेकिन सदियों में अदाकार-ए-आज़म एक बार ही आता है। दिलीप कुमार अभिनेता के साथ-साथ अभिनय की यूनिवर्सिटी भी है, जिनकी फिल्में देख….

मीना के नसीब में पारो बनना नहीं लिखा था

वीर विनोद छाबड़ा  मशहूर बंगला लेखक शरद चंद्र चैटर्जी के उपन्यास पर आधारित दिलीप कुमार की ‘देवदास’ (1955) के बारे में नयी पीढ़ी की मालूमात बहुत कम है। ज़बरदस्त फिल्म….