नई दिल्लीः पिछले एक सप्ताह में न्यूज़ चैनल्स के प्रमुख चेहरों के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला शुरु हुआ है। इन एफआईआईर की शुरुआत अंग्रेज़ी चैनल के एंकर अर्णब गोस्वामी से हुई थी। इसके बाद न्यूज़ 18 के फायरब्रांड एंकर अमिश देवगन के ख़िलाफ शिकायत दर्ज हुई। और बीते रोज़ ज़ी न्यूज़ के विवादित एंकर सुधीर चौधरी के ख़िलाफ केरला में एफआईआर दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया पर इन एंकर्स पर दर्ज हुए मुकदमे को लेकर एक पार्टी विशेष के कार्यकर्ता अभिव्यक्ती पर हमला बता रहे हैं। वहीं ऐसे भी लोगों की संख्या काफी बड़ी है जिन्होंने इन मुक़दमों पर खुशी ज़ाहिर की है। इन लोगों का कहना हैकि जिन एंकर्स पर मुकदमे दर्ज हुए हैं, इन्होंने टीवी स्क्रीन को फिजूल के मुद्दों, और सांप्रदायिकता से गंदा किया है।
वरिष्ठ पत्रकार और एंकर आरफा ख़ान शेरवानी ने इन एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन पत्रकारों ने पेशे का हर उसूल भुलाकर पिछले 6साल में देश के संविधान,लोकतंत्र व क़ानून के राज की हत्या की कोशिश में सत्ता का का साथ दिया। वही अपने बचाव में आज उसी संविधान, लोकतंत्र,प्रेस की आज़ादी की दुहाई दे रहे हैं। आप हों या आपके विरोधी-याद रहे लोकतंत्र बचेगा,तो अधिकार बचेंगे.
बता दें कि बीते कुछ वर्षों में भारतीय मीडिया का एक अजीब ही चेहरा देखनो को मिला है। न्यूज़ चैनल्स के कई ज़िम्मेदार एंकर्स ने फेक न्यूज़ चलाईं। लॉकडाउन के दौरान भी कई एंकर्स को पुलिस द्वारा फटकार लगाई गई है। ये एंकर्स कोरोना को एक समुदाय विशेष से जोड़ते हुए समाज में नफरत फैला रहे थे। जमातियों के बहाने मीडिया ने जो खेल खेला है उसके भी दुष्परिणा सामने आए हैं। दिल्ली जैसे शहर में समुदाय विशेष के कई लोगों को कोरोना फैलाने के आरोप में हिंसा का सामना करना पड़ा है।