असमाजिक तत्वों द्वारा मुस्लिम महिलाओं/युवतियों की ऑनलाइन नीलामी के बनाई गई बुल्ली बाई एप्लिकेशन पर जहां महिला आयोग ने संज्ञान लिया है, वहीं सिविल सोसायटी ने भी इस हरकत के ख़िलाफ बोलना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में केरल के पूर्व डीजीपी एंव लेखक डॉ. एनसी अस्थाना ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की है कि स्त्री के सम्मान से समझौता नहीं होता। बोलिये! आपकी चुप्पी पाप है!
बुल्लीबाई प्रकरण। जो नेता हर मंच से प्राचीन भारतीय मूल्यों की दुहाई देते नहीं थकते, भूल रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने 49 लाख लोगों को मात्र एक द्रौपदी के अपमान के प्रतिशोध (केवल दंड नहीं) के लिये मारे जाने दिया था। स्त्री के सम्मान से समझौता नहीं होता। बोलिये! आपकी चुप्पी पाप है!
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) January 3, 2022
डॉ. अस्थाना ने कहा कि बुल्लीबाई प्रकरण। जो नेता हर मंच से प्राचीन भारतीय मूल्यों की दुहाई देते नहीं थकते, भूल रहे हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने 49 लाख लोगों को मात्र एक द्रौपदी के अपमान के प्रतिशोध (केवल दंड नहीं) के लिये मारे जाने दिया था। स्त्री के सम्मान से समझौता नहीं होता। बोलिये! आपकी चुप्पी पाप है!
हेट स्पीच पर क्या बोले
डॉ. अस्थाना ने हरिद्वारा धर्म संसद और रायपुर धर्म संसद में मुसलमानो को लेकर की गईं टिप्पणियों पर भी अपने विचार व्यक्त किये हैं। उन्होंने द वायर पर एक लेख लिखा है, उसी लेखक का एक अंश ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी न करिए तो ये उनकी ललकार को शासन की मौन स्वीकृति देना होगा. अनेक हिंदू वोटर यही समझेंगे कि इनकी बात में कुछ न कुछ तथ्य तो होगा ही, तभी तो शासन चुप है. देर से गिरफ्तारी करना उन्हें हीरो बना देगा. कुल मिलाकर इस वक़्त इनके दोनों हाथों में लड्डू हैं.
नरसिंहानंद का नाम अभियुक्तों में डालने के बावजूद उत्तराखंड पुलिस सही सेक्शन नहीं लगा रही. चूंकि सारे वक्ता गोलमोल या परोक्ष में बातें कर रहे थे, 153A और 295A का केस अदालत में टिकेगा नहीं. ज़ाहिर है अफसरों ने इन पर महत्वपूर्ण फैसले पढ़े नहीं हैं या वे जानबूझ कर ऐसा कर रहे है.
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) January 2, 2022
केरल के पूर्व डीजीपी ने कहा कि नरसिंहानंद का नाम अभियुक्तों में डालने के बावजूद उत्तराखंड पुलिस सही सेक्शन नहीं लगा रही. चूंकि सारे वक्ता गोलमोल या परोक्ष में बातें कर रहे थे, 153A और 295A का केस अदालत में टिकेगा नहीं. ज़ाहिर है अफसरों ने इन पर महत्वपूर्ण फैसले पढ़े नहीं हैं या वे जानबूझ कर ऐसा कर रहे है.
बेहतर होता अगर कालीचरण महाराज पर सिर्फ हेट स्पीच का केस करते। राजद्रोह का केस करके गलत किया। पहले तो ये बनता ही नहीं। केदारनाथ पढ़ा नहीं? दूसरे, इससे आपकी फंसाने की नीयत खुल गई। मालिक जो बेवकूफी कहे, दुम हिला कर उसे तामील करके अफसरों ने साबित कर दिया कि वे गधे और दब्बू दोनों हैं।
— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) December 31, 2021
गिरफ्तारी न करिए तो ये उनकी ललकार को शासन की मौन स्वीकृति देना होगा. अनेक हिंदू वोटर यही समझेंगे कि इनकी बात में कुछ न कुछ तथ्य तो होगा ही, तभी तो शासन चुप है.
देर से गिरफ्तारी करना उन्हें हीरो बना देगा. कुल मिलाकर इस वक़्त इनके दोनों हाथों में लड्डू हैं.https://t.co/hsnpnTvYB9— Dr. N. C. Asthana, IPS (Retd) (@NcAsthana) December 31, 2021
उन्होंने रायपुर में गांधी जी पर विवादित टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज को लेकर कहा कि बेहतर होता अगर कालीचरण महाराज पर सिर्फ हेट स्पीच का केस करते। राजद्रोह का केस करके गलत किया। पहले तो ये बनता ही नहीं। केदारनाथ पढ़ा नहीं? दूसरे, इससे आपकी फंसाने की नीयत खुल गई। मालिक जो बेवकूफी कहे, दुम हिला कर उसे तामील करके अफसरों ने साबित कर दिया कि वे गधे और दब्बू दोनों हैं।