ब्रिटेन कॉन्सुल-जनरल ने सऊदी अरब में इस्लाम कबूल कर लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर मस्जिद अल-नबवी के अंदर की अपनी एक तस्वीर शेयर की है, जो काफी वायरल हो रहा है। मस्जिद के अंदर की अपनी तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने ट्वीट किया है कि वो अपने पसंदीदा शहर मदीना लौटकर काफी खुश हैं। उन्होंने लिखा है कि मैं यहां लौटने और पैगम्बर की मस्जिद में फज्र की नमाज अदा कर बेहद खुश हूं।
كما أتطلع إلى عودة المعتمرين البريطانيين 🇬🇧إلى المدينة المنورة. كان هناك أكثر من 100،000 زائر كل عام (قبل أزمة كوفيد).
أنا متأكد من أن هذا العدد سيرتفع مع استمرار التطوير الرائع للمرافق والبنية التحتية في المملكة🇸🇦 pic.twitter.com/mSyeUhwdlF
— Seif Usher سيف اشر (@seifusher) November 10, 2021
ब्रिटेन कॉन्सुल-जनरल ने इस्लाम कबूल करने के बाद अपना नाम बदलकर सैफ अशर रख लिया है। वहीं, सैफ अशर ने ट्विटर पर ये भी कहा कि वे मदीना में ब्रिटिश मुसलमानों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले तक हर साल यहां एक लाख से ज्यादा लोग आते थे। मुझे यकीन है कि यह संख्या बढ़ेगी, क्योंकि यहां सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का अद्भुत विकास जारी है।
गौरतलब है कि सैफ पहले ऐसे राजनयिक नहीं हैं जिन्होंने इस्लाम कबूल किया है। इससे पहले सऊदी अरब में ब्रिटिश राजदूत साइमन पॉल कोलिस ने इस्लाम को अपनाया था और उन्होंने हज की यात्रा भी की थी। 2016 में साइमन पॉल कोलिस और उनकी पत्नी हुदा मुजारकेश की हज के लिए पहने जाने वाले पारंपरिक सफेद कपड़े एहराम में तस्वीर वायरल हुई थी।
एबीपी न्यूज़ की खबर के मुताबिक़ कोलिस एहराम पहने अपनी सीरियाई पत्नी के साथ मक्का मदीना में नजर आए थे। कोलिस ने तब कहा था कि वे 30 सालों तक मुस्लिम समाज में रहे हैं और तीन दशक तक इस समाज में रहने के बाद ही उन्होंने इस्लाम अपनाने का फैसला किया।
कोलिस ने साल 2007 से 2012 के बीच सीरिया में ब्रिटेन के राजदूत के तौर पर काम किया था। इस दौरान ब्रिटेन और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के बीच राजनयिक संबंध में टकराव देखने को मिले थे। कोलिस ने इराक और कतर में राजदूत के तौर पर और संयुक्त अरब अमीरात, यमन, भारत और ट्यूनीशिया में वरिष्ठ राजनयिक के पदों पर रहने के साथ मध्य पूर्वी देशों की एक स्ट्रिंग में सेवा दी है।