नई दिल्लीः गाज़ीपुर बॉर्डर स्थित किसान क्रांति गेट पर किसानों द्वारा दैनिक जागरण की प्रतियां जलाकर अपना रोष प्रकट किया गया। भारतीय किसान यूनियन ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि आंदोलन को लेकर दैनिक जागरण अखबार शुरू से ही नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है। अखबार द्वारा लगातार आठ माह से किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक व गलत खबरें प्रकाशित जा रही हैं। किसान नेताओं के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। हद तो तक हो गई जब अखबार ने रविवार को भारतीय किसान यूनियन के चुनाव में हिस्सा लेने संबंधी मनगढंत खबर छाप दी। शनिवार को भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत की ओर से इस तरह का कोई बयान नहीं दिया गया। भारतीय किसान यूनियन ने अपील की है कि भ्रामक और गलत खबरें प्रकाशित करने वाले दैनिक जागरण अखबार का किसान भाई बहिष्कार करें।
चौधरी नरेश टिकैत ने शनिवार को सिसौली में पंचायत को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं आज जिन तीन कृषि बिलों के खिलाफ हम संघर्ष कर रहे हैं, कांग्रेस की भी इन बिलों को लाने की मंशा थी। भारतीय जनता पार्टी ने इन बिलों को लाकर किसानों के पेट में खंजर घोपने का काम किया है। चौधरी नरेश टिकैत ने शनिवार को पंचायत में कहा था कि आठ माह के लगभग होने वाले हैं, किसान सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है। ऐसी अहंकारी सरकार को आने वाले चुनाव में सबक सिखाना होगा।
चौधरी टिकैत ने आव्हान किया है कि उत्तर प्रदेश में आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उखाड़ फेंकना है। उन्होंने यहां तक कहा कि हमें ऐसे सांसद और विधायक चुनने हैं जो पार्टी द्वारा किसानों का अहित होते देख पार्टी छोड़ किसानों के साथ खड़े हो सकें। भारतीय किसान यूनियन की चुनाव लड़ने की कोई मंशा नहीं है। उत्तर प्रदेश मिशन के संबंध में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा था कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत होगी, महापंचायत में लाखों लोग जुटेंगे और संयुक्त मोर्चा के निर्णय के मुताबिक इस महापंचायत में ही आगे की रणनीति की घोषण की जाएगी।
भाकियू अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन पूर्णतया गैर राजनीतिक संगठन है और रहेगा। हम किसी के पक्ष में मतदान करने की कभी अपील नहीं करते, लेकिन किसान के खिलाफ फैसले लेने वाली सरकार को चुनाव में सबक सिखाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दैनिक जागरण द्वारा जो भ्रामक खबर छाप कर समाज में आंदोलन के प्रति गलत अवधारणा पैदा की जा रही है उसके लिए हम किसानों से अपील करते हैं कि दैनिक जागरण का पूर्ण बहिष्कार करें। आंदोलन को बदनाम करने के षड़यंत्र को भाकियू कभी भी कामयाब नहीं होने देगी।
संसद मार्च पूरी तरह शांतिपूर्ण और संवैधानिक दायरे में होगा
किसानों द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि मानसून सत्र के दौरान रोजाना किसानो का एक जत्था संसद मार्च करेगा। हर जत्थे में दो सौ किसान शामिल होंगे। संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों की संसद में मार्च में बराबर की हिस्सेदारी होगी। हर संगठन से रोजाना पांच सदस्य संसद मार्च में शामिल होंगे। इन पांच सदस्यों में एक टीम लीडर होगा जो अपनी टीम के प्रति पूरी तरह जबाबदेह और उत्तरदायी होगा। संसद मार्च के लिए जाने वाले सत्याग्रहियों का चुनाव पूरी तरह जांच परख के बाद किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड के आधार पर विशेष पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में उपलब्ध करा दी गई है। मानसून सत्र के दौरान रोजाना दो सौ किसानों का जत्था संसद पर पहुंचेगा और शाम को वापस लौट जाएगा। अगले दिन दूसरा जत्था संसद पहुंचेगा।
भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि तीन कृषि बिलों को लेकर पूरे देश का किसान आंदोलित है। अब 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा तो रोजाना संयुक्त मोर्चा की ओर से दो सौ किसानों का जत्था संसद के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेगा। मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि इस जत्थे में शामिल होंगे। हर संगठन को केवल पांच प्रतिनिधि भेजने का अधिकार होगा। इन पांच सदस्यों में से एक टीम लीडर की भूमिका में होगा। वह अपने चार अन्य साथियों के प्रति पूरी तरह जबाबदेह और उत्तरदायी होगा। इतना ही नहीं अपनी पांच सदस्यीय टीम की पूरी जिम्मेदारी संबंधित किसान संगठन की होगी। किसान संगठन पूरी तरह तसदीक करने और जांच परख करने के बाद ही संसद मार्च के लिए नाम देंगे। इसके लिए संगठनों ने आधार कार्ड और दूसरे दस्तावेज अच्छी तरह से चेक करने के बाद विशेष पहचान पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।