क्या थाने पर हमला करने वालों के घर भी चलेगा बुलडोज़र? जागरण की ख़बर है कि भाजपाइयों ने थाने पर हमला कर दिया। पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई दिनों से भाजपा कार्यकर्ता और विधायकों के आचरण को लेकर चेतावनी दे रहे हैं लेकिन लगता है अभी उनकी पार्टी के नेता गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
जागरण की पत्रकारिता
आरक्षण के कारणों और उद्देश्यों को लेकर समाज में कई तरह के भ्रम हैं। इसकी आड़ में दलील दी जा रही है कि अतीत में हुए अन्याय के बदले आरक्षण दिया जा रहा है, ताकि उन अत्याचारों के परिणाम दूर किए जाएँ। इसलिए सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय को अन्य शासकों द्वारा किए गए और भी विभत्स अत्याचारों और क्रूरताओं को माफ़ नहीं करना चाहिए।
यह दलील है रिटायर्ड जज एस एन ढींगरा की। इनका लेख दैनिक जागरण में छपा है। इनकी दलील के अनुसार पूजा स्थल क़ानून 1991 के बदल देना चाहिए। आज भी इस अख़बार में इन मुद्दों को लेकर अभियानी छपाई है। करोड़ों पाठकों के मानस में अजीब-अजीब तरह की दलीलें ठेली जा रही हैं। इस अख़बार से ज़्यादा कोई मेहनत नहीं कर रहा है। एक बड़ी दुनिया को पता भी नहीं होगा कि एक अख़बार इन मुद्दों को लेकर क्या कर रहा है। किस तरह की जानकारी ठेल रहा है।
समान नागरिक संहिता पर भी जागरण ने काफ़ी मेहनत की है। अगर इसी बात का रिसर्च करें कि इस एक अख़बार में समान नागरिक संहिता को लेकर कितने संपादकीय लेख छपे हैं तो आपको इसकी मेहनत का अंदाज़ा होगा।
जागरण की मेहनत
जागरण में ज्ञानवापी को लेकर जितने लेख, संपादकीय, बहस, रिपोर्ट और बयान छपे हैं, उन सभी का संकलन करना चाहिए। इससे पता चलेगा कि यूपी का यह सबसे बड़ा अख़बार कितनी मेहनत कर रहा है। आज भी जागरण ने काफ़ी मेहनत की है। वैसे इंक़लाब में ज्ञानवापी को लेकर आज क्या छपा है?