नई दिल्लीः कोरोना के नाम पर मीडिया द्वारा फैलाए गए प्रोपेगेंडा का खामियाजा आम मजदूर मुसलमान को भुगतना पड़ रहा है। लॉकडाउन में ऐसी ख़बरें आम होती जा रहीं हैं जहां नाम पूछकर सब्जी बेचने वाले, फल बेचने वाले मजदूर को पीटा गया हो। उत्तर प्रदेश के बिजनौर से ऐसी ही एक ख़बर एक बार फिर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक नगीना के फेरवीलों को नहटौर थाना क्षेत्र के एक गांव में बेरहमी से पीटा गया।
मामला बिजनौर के नहटौर थाना क्षेत्र के ग्राम पूठ-पूठी का है बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक नगीना के मोहम्मद नसीम व लियाक़त किराने का सामान बेचने आए थे। इस गांव के हेमराज नामक युवक ने उनके समान बेचने पर आपत्ति जताई और उनके साथ बेरहमी से मार पीट की। पीड़ित का आरोप है कि हम लोग कहते रहे कि हमें प्रशासन ने फेरी करने की अनुमति दी हुई है. लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी।
पीड़ित के मुताबिक हेमराज ने उन्हें भद्दी गालिया देते हुए कहा तुम लोग यहां समान नही बेच सकते. प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित द्वारा नहटौर थाने में दी गई तहरीर के बाद आरोपी हेमराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़ित ने बताया कि हेमराज को मुसलमान के समान बेचने पर एतराज था जिसकी वजह से उनसे मार पिटाई की.
बता दें कि लॉकडाउन के बाद से जबसे तब्लीगी जमात के मरकज़ का मामला सामने आया था, तो मीडिया के प्रोपेगेंडा का खामयिजा मजदूर मुसलमानों को भुगतना पड़ा है। कई स्थानों पर मजदूरों पर हमला किया गया है। हद दो यह है कि देश की राजधानी दिल्ली भी इस तरह की घटनाओं से अछूती नही है। दिल्ली में ही सबसे पहले इस तरह की वारदात सामने आई थी, जब एक फल बेचने वाले युवक को नाम पूछकर पीटा गया था।
क्या कहती है पुलिस
उधर इस घटना परा पुलिस ने पीड़ितों के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें पीड़ित द्वारा नाम पूछकर पीटे जाने का आरोप लगाया था। पुलिस का कहना है कि प्रकरण के सम्बन्ध में प्रभारी निरीक्षक नहटौर द्वारा अवगत कराया गया कि दोनो पक्षो में गुटखा खरीदने को लेकर कहासुनी व मारपीट हुयी थी। जिसमें मौ0 नसीम की तहरीर पर NCR पंजीकृत कर अभियुक्त को धारा 151 सीआरपीसी में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया । जाँच में अन्य आरोप निराधार पाये गये।