बिगफूट पब्लिकेशन बनी लेखकों की पहली पसंद

क्या आप एक लेखक हैं?

क्या आप भी अपनी बुक पब्लिश कराने के लिए किसी पब्लिकेशन की तलाश कर रहे हैं, तो समझिए आपकी तलाश पूरी हुई। जी हाँ, क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे पब्लिकेशन के बारे में, जिसने पब्लिशिंग की दुनिया में एक पहचान बनाई है और उस पब्लिकेशन का नाम है, बिगफूट पब्लिकेशन।

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एक समय था जब अपने विचारों को पहचान दिलाने के लिए एक लेखक को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता था।

बात में चाहे कितना भी दम हो पर जब तक वो लोगों तक ना पहुंचे तब तक वो बेकार है।

खैर, ये उन दिनों की बातें हैं जब एक लेखक अपने झोले में अपनी किस्मत लिए सड़कों पर उतर कर अपनी कलम को एक दिशा देता था।

आज का लेखक ऐसा नहीं है। आज के लेखक अपने शब्दों को तरोड-मरोड़ वो सब लिख देते हैं जो उनकी सोच से परे है।

तभी तो कितने सारे लेखक अपने खुद के विचारों को तवज्जो न देने के कारण भीड़ में कहीं खो जाते हैं।

ये आसमान भी उसी को नसीब है जो अपने शब्दों में अपने और दूसरों के ख्याल भली भांति मिला सकता है।

आज बड़े-बड़े पब्लिकेशन हाउसों में लेखक अपनी किताबों को पब्लिश कराना चाहते हैं।

अपने नाम को पहचान दिलाना चाहते हैं। कुछ ऐसा करने में कामयाब भी हुए हैं और कुछ आज भी कहीं न कहीं धक्के खा रहे हैं।

वैसे तो पैसे देकर कोई भी अपनी किताब छपवा सकता है पर सिर्फ किताब छपने से बात नहीं बनती, उसके लिए ओर भी बहुत कुछ करना पड़ता है कुछ पब्लिकेशन हाउस सिर्फ पैसे लेकर किताब छाप देते हैं किताब बिके न बिके उन्हें इस बात से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।

क्योंकि उनका मकसद केवल पैसा कमाना होता है पर कुछ पब्लिकेशन हाउस ऐसे भी हैं जो किताब छपने से लेकर उसके बिकने में भी लेखक की बहुत मदद करते हैं।

बिगफूट पब्लिकेशन हाऊस भी उन्हीं में से एक है यहां लेखकों को एक नया प्लेटफ़ॉर्म मिला है। यहां नये पुराने सभी लेखकों को अपने शब्द बयान करने का मोका मिला है।

लेखक मात्र ₹7000 की शुरुआती रकम से अपनी किताब छपवा सकते हैं इतना ही नहीं ये हाउस ईएमआई फैसिलिटी भी देता है। साथ ही साथ आपकी किताब की प्रोमोशन भी करता है।

बहुत से लेखक कहते हैं कि उनकी किताबें जो दूसरे पब्लिकेशन हाउसों ने किसी न किसी बहाने से रिजेक्ट कर दी या फिर कुछ ऐसे बदलाव लाने को कहें जो लेखकों को नागवार लगे, उन किताबों को बिगफूट पब्लिकेशन हाऊस ने बिना किसी शर्त के बहुत जल्दी पब्लिश किया।

इतना ही नहीं उन्होंने ओनलाइन किताबें बेचने में भी मदद की। अमेजॉन, किंडल बुक रीडिंग एप्प के जरिए कम लागत में बुक्स, रीडर्स तक पहुंचाने की कोशिश की है।

कितने रीडर्स है जो बुक पढ़ना तो चाहते हैं बहुत से रीडर्स को कविताएं पढ़ना अच्छा लगता है पर समय का अभाव उन्हें ऐसा करने से रोकता है।

लेकिन समय के साथ-साथ नयी चीजें सामने आई है। कितने सारे नये प्लेटफार्म हैं जहां एक लेखक अपने अनुभव आसानी से सांझा कर सकता है पॉडकास्ट, ऑडियो बुक और भी कितने सारे उभरते प्लेटफार्म है जहां लेखकों को पहचान मिली है।

ये कुछ ऐसी एप्प हैं जो हम कभी भी कहीं भी पढ़ या सुन सकते हैं बस जरूरत है तो एक स्मार्टफ़ोन की। बिगफूट पब्लिकेशन हाऊस भी इसी मुहीम में लगा है।

वो उभरते लेखकों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है उनके एक्सक्लुसिव पैकेज में ये सब होता है। वे लेखक की किताब को बढ़ चढ़ कर प्रोमोट करते हैं। लोगों को उनके द्वारा लिखी गई किताब के बारे में बताते हैं।

बिगफूट पब्लिकेशन हाऊस ने अपनी शुरुआत भले ही गुरुग्राम से हुई थी पर धीरे-धीरे उन्होंने अपनी शाखाएं पूरे देश में बनाईं।

जिस तरह से इन्होंने काम किया। इनकी लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि बाहरी देशों में भी बढ़ने लगी। इनका काम और कम पैसों में बुक पब्लिशिंग करना बढ़े बढ़े लेखकों को इनके साथ जोड़ता चला गया।

बहुत कम समय में विश्व भर से करीबन 1 लाख लेखक अबतक इनके साथ जुड़ चुके हैं। इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि ये किताब के कॉपीराइट लेखक के पास ही रखते हैं‌।

एक लेखक की असली पहचान उसकी लेखनी से होती है अपनी आजाद सोच लेखक को हर जगह नहीं मिलती पर बिगफूट पब्लिकेशन हाऊस लेखकों की आजाद सोच का करता है वे जैसे मर्जी अपने विचार प्रकट कर सकते हैं।

अभी हाल फिलहाल में पब्लिश हुई कुछ किताबों ने बहुत अच्छा रिजल्ट दिया है।  पब्लिकेशन हाउस को कईं सारे पुरुस्कार भी मिले हैं।

आज के युग में जहां करोड़ों लोग अपने सपने देखते हैं वहीं बिगफूट पब्लिकेशन उन सपनों को पूरा करने का सक्षम दिखता है।