पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी ISI को भारतीय सेना की जानकारी भेजता था भरत गोदारा इंटेलिजेंस ने दबोचा

जयपुरः राजस्थान की राजधानी जयपुर में इंटेलिजेंस टीम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के ऐजेंट को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक सरकारी कर्मचारी है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिये काम करने के आरपो में हिरासत में लिया गया है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी भरत गोदारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की एक महिला एजेंट के द्वारा हनी ट्रैप का शिकार हुआ था।

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आईएसआई के लिये जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार भरत गोदारा फिलहाल जयपुर रेलवे स्टेशन के पास पोस्ट ऑफिस में सोर्टिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है। इसी पोस्ट ऑफिस में सेना की डाक भी आती है। जांच में सामने आया कि भरत गोदारा सेना की डाक और गोपनीय दस्तावेज़ की फोटो खींचकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजता था।

जांच में सामने आया है कि भरत गोदारा पिछले छ महीने से लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था। एक एजेंट ने भरत गोदारा को सोशल मीडिया के माध्यम से हनी ट्रैप के जाल में फंसाया और तमाम सूचनाएं ली। फिलहाल इंटेलिजेंस के अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं।

हनीट्रैप में फंसा?

एजेंसियों द्वारा की जा रही पूछताछ में आरोपी भरत ने बताया कि वह मूलतः गांव- खेडापा, जिला- जोधपुर का रहने वाला है तथा तीन वर्ष पूर्व ही एमटीएस परीक्षा के तहत रेलवे डाक सेवा के जयपुर स्थित कार्यालय में आया था। यहां वह आने जाने वाली डाक की छंटनी करने का कार्य करता था। महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि आरोपी, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेन्ट के हनीट्रैप में फंसकर भारतीय सेना के सामरिक महत्व के गोपनीय दस्तावेजों की फोटों खींचकर व्हाट्सऐप द्वारा पाकिस्तानी हैण्डलर को भेज रहा था।

लगभग 4-5 माह पूर्व उसके मोबाइल के फेसबुक मैसेंजर पर महिला का मैसेज आया। कुछ दिनों बाद दोनों व्हाट्सऐप पर वॉइस कॉल व वीडियो कॉल से बात करने लगे। महिला ने पोर्ट ब्लेयर में नर्सिंग के बाद एमबीबीएस की तैयारी करने की बात कही। अपने किसी रिश्तेदार का जयपुर स्थित किसी अच्छी सी आर्मी यूनिट में स्थानान्तरण के बहाने आरोपी से धीरे-धीरे आर्मी के सम्बन्ध में आने वाले डाक के फोटो मंगवाना शुरू कर दिया। बाद में पाक महिला एजेन्ट ने आरोपी से जयपुर आकर मिलने व साथ घूमने एवं उसके साथ रुकने का झांसा देकर फोटो भेजना शुरू कर दिया ।

आरोपी ने पूछताछ में यह भी बताया है कि उक्त महिला मित्र के चाहने पर अपनी स्वयं के नाम पर एक सिम के मोबाइल नम्बर और व्हाट्सऐप के लिए ओटीपी भी शेयर कर दिये ताकि उक्त भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सकें। मामले में भारतीय आधिकारिक गुप्त अधिनियम, 1923 के तहत संदिग्ध पर मामला दर्ज किया गया है और प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारी

राजस्थान के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में 2017 में आईएसआई के ऐजेंट के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के आईटी सेल के ध्रुव सक्सेना की टीम को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिये काम करने के आरोप में गिरफ्तार किय गया था।