बारामूला: सैनिक स्कूल ने कर्मचारियों को हिजाब पहनने से मना करने पर बिफरे उमर और महबूबा  

श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में एक सैनिक स्कूल द्वारा अपने कर्मचारियों से स्कूल संचालन के दौरान हिजाब पहनने से मना करने के बाद विवाद पैदा हो गया है। इस मामले को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती ने स्कूल द्वारा जारी परिपत्र पर सवाल उठाया है।

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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर किसी अन्य राज्य की तरह नहीं है। वहीं, उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि कर्नाटक जैसा माहौल जम्मू-कश्मीर में लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने ट्विटर पर डैगर परिवार स्कूल बारामूला द्वारा जारी परिपत्र की प्रति भी संलग्न की है।

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया,“मैं हिजाब को लेकर फरमान जारी करने वाले इस पत्र की निंदा करती हूं। जम्मू कश्मीर में भाजपा का शासन हो सकता है, लेकिन यह अन्य राज्यों की तरह नहीं है, जहां वे अल्पसंख्यकों के घरों को बुलडोज़र से गिराते हैं। उन्हें अपनी इच्छानुसार कपड़े पहनने की स्वतंत्रता नहीं देते हैं। हमारी लड़कियां चुनने का अधिकार नहीं छोड़ेंगी।”

गौरतलब है कि स्कूल के प्रधानाचार्य ने सोमवार को हिजाब को लेकर कर्मचारियों को परिपत्र जारी किया, ताकि छात्रों को सुखद माहौल मिल सके।

परिपत्र में कहा गया,“स्कूल के कर्मचारियों का मुख्य उद्देश्य सभी छात्रों का पूर्ण संभव विकास प्रदान करना है। इसलिए, छात्रों के साथ विश्वास स्थापित किया जाना चाहिए ताकि वे सुखद माहौल अनुभव कर सकें। कर्मचारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे स्कूल संचालन के दौरान हिजाब पहनने से बचें। ताकि छात्र सहज महसूस कर सकें और शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर सकें।”

श्रीनगर के एक सुरक्षा अधिकारी ने भी सोमवार को कहा कि इस परिपत्र में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा,“यह स्कूल विशेष रूप से विकलांग बच्चों के लिए है, जिन्हें हमेशा महत्वपूर्ण शारीरिक संपर्क की आवश्यकता होती है। इस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि विकलांग बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।”

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि इस तरह का परिपत्र जारी करना स्कूल की ओर से गलत है। उन्होंने कहा कि इस देश में सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है और यह संविधान में भी कहा गया है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर में कर्नाटक जैसे हालात लाने की कोशिश को तत्काल रोक दिया जाएगा। कर्नाटक में हाल ही में शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के हिजाब पहनने को लेकर विवाद हुआ था।

उऩ्होंने परिपत्र के लिए स्कूल द्वारा दिए गए कारण पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि परिपत्र में दिया गया कारण सही नहीं है। यह स्कूल कल शुरू नहीं हुआ था। हिजाब पहने वाले कर्मचारी पहले भी छात्रों के साथ बातचीत करते थे। रातों-रात क्या बदल गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे राजनीति के लिए माहौल तैयार करने का प्रयास बताया।