नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद आज़म खान के बेटे अब्दुल्लाहह आज़म ख़ान को पैनकार्डमें धांधली से जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। बता दें कि आज़म खान और अब्दुल्लाहह आज़म के खिलाफ कई गंभीर मुकदमे चल रहे हैं। दोनों पर ज़मीन हड़पने से लेकर फर्जी काग़जात तैयार करने समेत कई मामले दर्ज हैं।
अब पैनकार्ड मामले में जमानत मिलने के बाद अब अब्दुल्लाहह आज़म को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। वादी आकाश सक्सेना का बयान जिला अदालत की स्पेशल कोर्ट में दर्ज होने के बाद वह जेल से बाहर आ सकते हैं। आकाश सक्सेना बीजेपी के नेता हैं। इन्होंने ही अब्दुल्लाहह आज़म खान पर दो पासपोर्ट मामले में तहरीर दी थी।
बता दें कि पिछली बार दो पैनकार्ड मामले में आज़म ख़ान और अब्दुल्लाहह आजम को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। आज़म ख़ान और उनके बेटे आजम अबदुल्लाह कई मामलों में आरोपी हैं और सीतापुर जेल में बंद हैं। आज़म ख़ान समाजवादी पार्टी के बड़े नेता है और उत्तर प्रदेश के रामपुर से सासंद हैं। इससे पहले वह रामपुर से विधायक भी रह चुके हैं। आज़म ख़ान तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। आज़म ख़ान मुलायम सिंह और अखिलेश यादव दोनों के काफी करीबी नेता माने जाते हैं।
दर्ज हैं कई मामले
गौरतलब है कि आज़म ख़ान पर जमीन हथियाने, अतिक्रमण और अन्य कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। आज़म ख़ान अपने बेटे के साथ फरवरी 2020 से ही जिला कारागार सीतापुर में बंद हैं। उनकी पत्नी को दिसंबर 2020 में कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
जानकारी के लिये बता दें कि अब्दुल्लाहह आज़म ने साल 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से चुनाव जीता था। उनका यह चुनाव जीतना भी उनके लिये संकट बन गया, उनके ख़िलाफ फर्जी जन्मप्रमाण पत्र का मामला दर्ज हुआ, वे फरवरी 2020 से ही जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट से अब बड़ी राहत मिली है।
आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्लाहह आजम पर ज़मीन हड़पने, फर्जी कागजात समेत कई गंभीर मामलों पर यूपी की अलग-अलग अदालतों में केस चल रहा है। हाल ही में आज़म ख़ान की पत्नी को जमानत मिली थी और वे जेल से बाहर आई थीं।
अब्दुल्लाहह आज़म का निर्वाचन हो चुका है रद्द
उत्तर प्रदेश विधानसभा से आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्लाहह की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्लाहह आज़म के निर्वाचन को रद्द कर दिया था। चुनाव के वक्त अब्दुल्लाहहह 25 साल के नहीं थे और उन पर फर्जी दस्तावेज़ लगाकर चुनाव लड़ने का गंभीर आरोप भी था।
पत्नी को मिल चुकी है ज़मानत
फरवरी 2020 में आज़म ख़ान, उनकी विधायक पत्नी और बेटे अब्दुल्लाहहह आज़म ख़ान को यूपी की सीतापुर जेल भेजा गया था। आज़म ख़ान की पत्नी को 2020 के आखिर तक ज़मानत मिल गई थी और वे जेल से बाहर आ गईं थीं।