लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा सांसद आज़म ख़ान आजम खां की पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा और बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां की ज़मानत अर्जी मंजूर कर ली है, और रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने आज़म खां की भी ज़मानत अर्जी मंजूर कर ली है, लेकिन उन्हें शिकायत कर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने विचारण न्यायालय अलीगढ़ से अदालत खुलने पर तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की उम्मीद की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ. तंजीन फातिमा, आजम खां व अब्दुल्ला आजम खां की ज़मानत अर्जियो को निस्तारित करते हुए दिया है।
बता दें कि आज़म ख़ान के खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज थाने में काल्पनिक, कूटकरण के आरोप में अल्मिकी दर्ज करायी है ।जिसमे पुलिस चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। आज़म खां और तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे के दो जन्म प्रमाणपत्र बनाए है। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है। दोनो में जन्म तिथि में काफी अंतर है।
अब्दुल्ला आजम खां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधान सभा चुनाव लड़ने का, आरोप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है। अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने मे उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए ज़मानत पर रिहा किया जाए। डॉक्टर तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण ज़मानत दी जाये। इसलिए दोनो को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया गया है। लेकिन आज़म खां को शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया गया है।