नई दिल्ली/लखनऊः समाजवादी पार्टी कद्दावर नेता और यूपी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी है। गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज़म ख़ान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य जमानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि ट्रायल कोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा। गौरतलब है कि 80 से अधिक मामलों में आज़म ख़ान पिछले 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं। वह एक केस में जमानत लेते तो दूसरा केस दायर हो जाता। इसके बाद आज़म ख़ान ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां मंगलवार को सुनवाई हुई थी।
आज तक की एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए आज़म ख़ान को अंतरिम जमानत दी है। आज़म ख़ान को ट्रायल कोर्ट से अब तक 88 मामलों में जमानत मिली थी, लेकिन 89वें मामले में जमानत को लेकर ट्रायल शुरू होना था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने संवैधानिक पॉवर का इस्तेमाल करके अंतरिम जमानत दे दी।
क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज़म ख़ान को अंतरिम ज़मानत देने की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और सामान्य ज़मानत के लिए आजम को समुचित और सक्षम अदालत में दो हफ्ते के भीतर अर्जी लगानी होगी। वहां से रेगुलर बेल मिलने तक अंतरिम आदेश लागू रहेगा।
आज़म ख़ान के वकील की दलील
असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल ने आरोप भी लगाया था कि आजम खान ने पूछताछ करने गए जांच अधिकारी को भी धमकी दी थी। आज़म खान की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में एक ही शिकायतकर्ता ने पूरक शिकायत की है। आगे की जांच के लिए कोर्ट की ओर से मंजूरी नहीं दी गई है। वे खुद ही जांच कर रहे हैं जबकि ये केस 13 साल बाद दर्ज हुआ है। ये क्या हो रहा है? आजम खान के वकील ने ये भी कहा कि हम स्कूल नहीं चलाते। हमने कुछ भी नहीं किया है।