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Author: Kaleem Ul Hafeez

Kaleemul Hafeez is an Entrepreneur, Educationist, Author and Politician (President-AlMIM Delhi)

तुंदी ए बाद ए मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ उक़ाब

अम्न व अमान, सद्भावना, भाईचारा और गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हमारे प्यारे देश हिन्दुस्तान को न जाने किसकी नज़र लग गयी। कोरोना जैसी वबा ने….

खबरदार! मुल्क के हालात 1857 की शिकस्त से भी बदतर हैं!

1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की असफलता और हार के बाद जो राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संकट पैदा हुआ था उसके ख़िलाफ़ संगठित तरीक़े से आवाज़….

सरकार में बैठे हुक्मरानों को समझना चाहिए कि सरकारें इंसाफ़ से चलती हैं

देश के मुसलमानों से बार-बार एक सवाल पूछा जाता है कि आपकी नज़र में संविधान बड़ा है या शरीयत? देश संविधान के अनुसार चलेगा या शरीयत के अनुसार? वैसे देखा….

सब्र का मतलब यह नहीं है कि चुप-चाप ज़ुल्म सहते जाओ, ज़ुल्म हर समाज में नापसन्दीदा है

कोई भी इंसान ज़ुल्म से मुहब्बत नहीं करता, इसके बावजूद इतिहास के हर दौर में ज़ुल्म होता रहा है। इंसान की फ़ितरत है कि जब उसे ताक़त हासिल हो जाती….

ज्ञानवापी मस्जिद भी बाबरी मस्जिद की राह पर! अदालतें ही संविधान का सम्मान नहीं करेंगी तो कौन करेगा?

एक बार फिर देश में बाबरी मस्जिद का इतिहास दोहराया जा रहा है। वही सब कुछ हो रहा है जो बाबरी मस्जिद के लिये किया गया था। पहले बयान-बाज़ी, फिर….

क्या भारत के मुसलमान नस्ल कुशी के आख़िरी पड़ाव पर आ गए हैं?

संयुक्त राष्ट्र में सलाहकार की हैसियत रखनेवाला संगठन “जस्टिस फ़ॉर ऑल” की ओर से होनेवाली वर्चुअल अन्तर्राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए प्रोफ़ेसर ग्रेगोरी स्टेन्टिन ने कहा कि भारत नस्ल-कुशी….