जन्मदिन विशेष: जाॅन एलिया, दिल से उतरकर, फिर दिलों पर छा जाने वाला शायर
एक ही फ़न तो हमने सीखा है जिससे मिलिए उसे खफा कीजिए हां, मैं अमरोहे का था, भारत का था, भारत का ही रहा. मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद जानते हैं कि….
एक ही फ़न तो हमने सीखा है जिससे मिलिए उसे खफा कीजिए हां, मैं अमरोहे का था, भारत का था, भारत का ही रहा. मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद जानते हैं कि….
मुसलमान और बुज़दिली एक जगह जमा नहीं हो सकते. सच्चे मुसलमान को कोई ताक़त हिला नहीं सकती है. और न कोई खौफ़ डरा सकता है. चंद इंसानी चेहरों के गायब….
नई दिल्लीः मुजफ्फरनगर में किसान संगठनों की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अल्लाहु अकबर के नारे लगाए। टिकैत ने इन नारों को लगाते हुए….
1936 के ओलिंपिक जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर के शहर बर्लिन में आयोजित हुए थे। तानाशाह की टीम को उसके घर में हराना आसान न था, लेकिन भारतीय टीम ने बिना….
तौहीद तो यह है कि ख़ुदा हश्र में कह दे, यह बंदा दो आलम से ख़फ़ा मेरे लिए है मौलाना मोहम्मद अली जौहर की यह शायरी सिर्फ़ उन्हीं दिनों का….