किसान आंदोलन के समर्थन में असम भी हुआ प्रदर्शन, डॉ. आसमा बोलीं वापस लेने होंगे तीनों क़ानून

नई दिल्ली/गुवाहटीः किसान आंदोलन के समर्थन में अब असम से भी आवाज़ें उठना शुरु हो गईं हैं। भारत विकास मंच के नेतृत्व में आज गुवाहटी में किसानों ने कृषि सुधार क़ानून के विरोध मे प्रदर्शन किया। भारत विकास मंच की अध्यक्ष डॉ. आसमा बेग़म ने इस दौरान कहा कि हम किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं, और किसानों का समर्थन करती हूं। उन्होंने कहा कि हम उन तीन कानूनों को मानने से इनकार करते हैं, क्योंकि ये तीनों क़ानून किसानों और खेती के क्षेत्र को नष्ट कर देंगे।

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डॉक्टर आसमा ने कहा कि हम किसान विरोधी क़ानून क विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक केन्द्र सरकार इन तीनों क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती। उन्होंने कहा कि ये क़ानून मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित के लिये नहीं बल्कि चंद पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन क़ानूनों को अमली जामा पहनाए जाने के बाद किसान अपने ही खेत में गुलाम होकर रह जाएगा।

बता दें कि कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 26 दिनों से आंदोलन जारी है। यह आंदोलन दिल्ली को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सीमा पर चल रहा है। सिंघू बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान डटे हुए हैं। ये किसान हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान जैसे राज्यों से आए हैं। हालांकि सरकार ने किसानों से कई बार वार्ता भी की है लेकिन यह वार्ता बेनतीजा रही है। किसान इस क़ानून में एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।