बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले की अपर जिला सत्र (एडीजे) स्पेशल पॉक्सो अदालत की न्यायाधीश डॉक्टर पल्लवी अग्रवाल ने दुर्ष्कम के बाद नाबालिक की हत्या करने के मामले में अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाते हुए एक लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार शर्मा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि चार अगस्त 2020 को खुर्जा नगर क्षेत्र में सीकरी में दो नाबालिग बहन घर से सरकारी गोदाम के पास स्थित जामुन लेने गई थी। छह वर्षीय छोटी बहन जामुन लेकर लौट आई लेकिन नौ वर्षीय बालिका घर नहीं लौटी। पूछने पर बताया कि उसे गांव का ही एक युवक जो घर भी आता जाता था, अपने साथ खेत में ले गया। उसके बाद परिजनों ने खोजबीन शुरू की लेकिन बालिका का कोई पता नहीं चला। बाद में प्लास्टिक के बोरे में बंद बालिका का शव गन्ने के खेत में मिला था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में उसके पिता की तहरीर पर खुर्जा नगर थाने में धारा 302 300 408 376 एबी और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने अभियुक्त अशोक कुमार को पकड़ लिया और मारपीट के बाद पुलिस को सौंप दिया था।
पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मुकदमे की अंतिम सुनवाई करते हुए अपर जिला सत्र न्यायाधीश स्पेशल पोक्सो डॉ0 पल्लवी अग्रवाल के गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अशोक को बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म करने, सबूत मिटाने के लिए उसकी हत्या कर बोरे में बंद कर गन्ने के खेत में फेकने के आरोप में, मृत्युदंड की सजा सुनाई। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त की गर्दन मैं फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। फांसी की सजा का आदेश उच्च न्यायालय की पुष्टि के बाद प्रभावी होगा।
अदालत ने अभियुक्त पर कुल मिलाकर 140000 का जुर्माना किया है। जुर्माना वसूल होने पर सारी धनराशि पीड़िता के माता-पिता को दी जाने के आदेश दिया। अभियुक्त अशोक को लैंगिक अपराधों से बालिकाओं के संरक्षण अधिनियम दुष्कर्म के आरोप में मृत्युदंड बालिका की हत्या के आरोप में भी मृत्युदंड सबूत मिटाने के आरोप में 20 वर्ष का सश्रम कारावास अपहरण के आरोप में सात वर्ष का कारावास कारावास और इस और जुर्माना किया है। सारी सजाएं एक साथ चलेंगी।