नई दिल्लीः जमीअत उलमा-ए-हिंद (अ) गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बार फिर दोहराया है कि हमारी लड़ाई आम लोगों से नहीं बल्कि सरकार से है। मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट किया, “साम्प्रदायिक वर्ग चाहता है कि मुसलमान गुस्से में सड़कों पर उतरें और झड़प हो, हमें इस साजिश से होशियार होना होगा। हमारी लडाई आम लोगों से नहीं बल्कि सरकार और सांप्रदायिक तत्वों से है। सरकार को चाहिए श्रीलंका के हालात से सीख ले और तनाव का माहौल पैदा न करे।”
मीडिया पर निशाना
बता दें कि मौलाना अरशद मदनी ने अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था कि, “सांप्रदायिक तत्वों द्वारा प्रज्वलित नफरत की चिंगारी को मीडिया का एक बड़ा वर्ग एक ज्वाला के रूप में प्रस्तुत करता है। हर दिन,पत्रकारिता का खून किया जा रहा है, लेकिन अफसोस जिन हाथों में इस वक्त देश के संविधान और कानून की रक्षा की जिम्मेदारी है उन्होंने अपने कान और आंखें बंद कर ली है।”
देवबंद में क्या बोले थे
जानकारी के लिये बता दें कि बीते रोज़ 29 मई को देवबंद में संपन्न हुए जमीअत उलमा-ए-हिंद (एम) गुट के राष्ट्रीय अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने भी शिरकत थी। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि अरशद मदनी ने कहा, ‘अगर हम मोहब्बत और प्यार का पालन करेंगे तो आग लगाने वाले खुद खत्म हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मुकाबला किसी हिंदू से नहीं बल्कि सरकार से है जो धर्म के आधार पर लोगों का इस्तेमाल करके आग लगाना चाहती है और हम इससे अदालत के जरिये लड़ेंगे।’
उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति अखलाक की कथित तौर पर भीड़ द्वारा हत्या किए जाने का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा, ‘अखलाक की हत्या के बाद जिन लोगों ने अपने पुरस्कार वापस किए थे उनमें ज्यादातर हिंदू ही थे।’ अरशद मदनी ने कहा, ‘सरकार हमारी है। अगर सरकार हमारा हक हमें देगी तो हम उसकी तारीफ करेंगे और नहीं देगी तो अदालत के जरिये लड़ेंगे।’