रवीश कुमार
यह वीडियो सात साल पहले का है। हिमाचल प्रदेश की एक जनसभा में नरेंद्र मोदी भाषण दे रहे थे। हिमाचल के सरकारी नौकरी वालों को झाँसा दे रहे थे। कह रहे थे कि सैलरी वाले लोग ईमानदारी से टैक्स देते हैं। उनकी कोई परवाह नहीं करता है। विदेशों से जो काला धन आएगा उसका कुछ परसेंटेज वापस देंगे। ईमानदारी से टैक्स भरने वाले सैलरी वाले लोग बता दें या किसी इंटरव्यू वाले को प्रधानमंत्री बता दें कि कितने लोगों के खाते में काला धन का कुछ परसेंटेज दिया गया है।
यह भाषण एक सैंपल भर है कि किस तरह प्रधानमंत्री के भाषण की थीम इस बात पर आधारित होती है कि लोग मूर्ख हैं और लोगों को मूर्ख बनाया जा सकता है। उन्होंने साबित कर दिखाया है। हिमाचल के सैलरी वालों के खाते में तो इतना पैसा आया होगा कि ख़ुशी के मारे बता नहीं रहे हैं।
वैसे 22,800 करोड़ का बैंक घोटाला हुआ है। इसी का कुछ परसेंटेज भाजपा कार्यकर्ता के ही खाते में चला जाए तो ग़नीमत। झूठ की राजनीति के लिए वे दिन रात मेहनत कर रहे हैं। उन्हें भी तो कुछ परसेंटेज मिलना चाहिए। आज बीजेपी के पास चार हज़ार करोड़ से अधिक का चंदा है।
कोरोना काल में उसके कार्यकर्ता भी मरे। पार्टी चाहती तो कुछ परसेंटेज कार्यकर्ताओं के परिजन को दे सकती थी। लेकिन तब मोदी के सामने एक समस्या आ जाएगी। किस कार्यकर्ता को कुछ परसेंटेज दें। जो उनके झूठ के पीछे जान देता है या जिसकी जान कोरोना से चली गई?
(लेखक जाने माने पत्रकार हैं, यह लेख उनके फेसबुक पेज से ली गई है)