यूक्रेन में एक और भारतीय छात्र की गई जान, परिवार का था इकलौता चिराग

नई दिल्लीः रूस व यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण गोली लगने से हुई कर्नाटक के नवीन की मौत के बाद अब बरनाला के जिंदल परिवार पर भी दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। जिंदल परिवार के इकलौते बेटे चंदन की मौत ब्रेन हैमरेज की वजह से हो गई। ऐसा नहीं है कि उसको यूक्रेन में इलाज नहीं मिला। डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन कर दिया था लेकिन उसके बाद वह कोमा में चला गया था, दो मार्च को उसने दम तोड़ दिया। युद्ध के बीच यूक्रेन में यह भारतीय की दूसरी मौत है।

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अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक़ बरनाला के रहने वाले जिंदल परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। इस युद्ध के बीच बरनाला के जिंदल परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया। चंदन जिंदल बीमार था। उसको दो फरवरी को दिमागी अटैक हुआ था। वह वहां के अस्पताल के आईसीयू में भर्ती था। यूक्रेन में वह एमबीबीएस चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था।

दो फरवरी को उसको दिमागी अटैक हुआ तो इसकी जानकारी उसके पिता शीशन कुमार जिंदल और ताया कृष्ण कुमार जिंदल को दी गई। दोनों ही यूक्रेन चले गए। इसी बीच वहां पर युद्ध शुरू हो गया। एक मार्च की रात को ताया कृष्ण कुमार जिंदल बरनाला वापस लौट आए।

मां व बहन का रो-रोकर बुरा हाल

जिला प्रबंधकीय परिसर के सामने वाली गली में रहने वाले चंदन जिंदल की मां किरन जिंदल और बहन रशिमा जिंदल का रो-रोकर बुरा हाल है। जैसे ही ये खबर बरनाला पहुंची तो शहर में भी माहौल गमगीन हो गया है। स्वजनों के अलावा शहर की समाजसेवी संस्थाओं ने परिवार से उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की है। केंद्र सरकार से मांग की है कि चंदन का शव और वहां फंसे बेबस पिता को सकुशल स्वदेश वापस लाएं।