लखनऊ: तक़रीबन पौने दो साल से जेल में बंद सपा सांसद आज़म ख़ान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। अदालत की तरफ से आज़म ख़ान को एक और झटका लगा है। अदाल ने आज शत्रु संपत्ति मामले में भी उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है। आज़म ख़ान की जमानत अर्जी पर अदालत ने 30 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद आज जज ने अपना फैसला सुनाया है। बीते सोमवार हो ही अदालत ने जौहर यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने के मामले में आज़म खान की अर्जी खारिज कर दी थी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, साल 2019 में आज़म ख़ान पर इलज़ाम लगा था कि उन्होंने शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके उस ज़मीन को जौहर यूनिवर्सिटी में मिला दिया। इस मामले में सांसद आजम के खिलाफ अजीमनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है। हालांकि, इस मामले में उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की जमानत हो चुकी है। आज़म ख़ान ने अपने वकील के जरिए एमपी-एमएलए कोर्ट में ज़मानत की अर्ज़ी दाखिल की थी, जिसके बाद कोर्ट में आजम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। जहां आज उनकी याचिका रद्द कर दी गई।
गौरतलब है कि आज़म ख़ान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद हैं। हालांकि, तबीयत खराब होने के चलते इस समय में लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है। दरअसल, 30 अप्रैल को आजम और बेटा अब्दुल्ला आजम कोविड संक्रमित पाए गए थे। पहले दोनों का सीतापुर जेल में ही इलाज चल रहा था, लेकिन आजम की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल लाया गया था। उनके साथ अब्दुल्ला आजम को भी एडमिट किया गया था।
13 जुलाई को आज़म ख़ान को कोविड से ठीक से होने के बाद दोबारा सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन फिर 20 जुलाई को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया।