गोदी मीडिया को अलविदा कहकर बोलीं एंकर, ‘मुझे क़बूल नहीं था, चंद टकों के लिए अपनी रुह अपने ज़मीर…’

नई दिल्लीः बीते कुछ वर्षों में टीवी पत्रकारिता पर सरकार समर्थित होने और एक विशेष ऐजेंडा चलाने के आरोप लगे हैं। जो पत्रकार/एंकर इस ऐजेंडे में फिट नहीं हो पाए उन्होंने इस्तीफा देकर वैकल्पिक मीडिया का रास्ता चुना। ऐसी ही एक और एंकर बुशरा ख़ानम ने टीवी पत्रकारिता से इस्तीफा देकर वैकल्पिक मीडिया का रुख किया है। बुशरा ने यूट्यूब चैनल द नेशन से जुड़ गईं हैं, और नया शो ‘सोलह आने सच’ शुरु किया है। इसी के साथ बुशरा ने सोशल मीडिया पर एक भावुक टिप्पणी की है। जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे क़बूल नहीं था आज़ाद होकर भी ग़ुलाम बनना।

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नेटवर्क 18, दूरदर्शन, ज़ी ग्रुप के साथ काम कर चुकीं इस एंकर ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि कुछ महीनों पहले सख़्त फ़ैसला लेते हुए गोदी मिडिया को अलविदा कहा था। मुश्किल क़दम था लेकिन जब बात उसूलों पर आ जाए तो फिर कड़े और बड़े फ़ैसले लेने पड़ते हैं, जब सच की आवाज़ को दबाया जाए तब ही सच बोलना लाज़िम हो जाता है,क्योंकि मुझे क़बूल नहीं थीं वो बेड़ियां जो वो मेरी सोच पर लगाना चाहते थे.मुझे क़ुबूल नहीं थीं वो पाबंदियां जो वो मेरे ख़्यालात पर लगाना चाहते थे, मुझे क़बूल नहीं था, चंद टकों के लिए अपनी रुह अपने ज़मीर का क़त्ल मुझे क़बूल नहीं था अपने वुजूद को यूं तिल तिल मारना।

बुशरा ने लिखा कि  मुझे क़बूल नहीं था उनकी साज़िशों का हिस्सा बनना जो मुल्क को तक़्सीम करती हों। मुझे क़बूल नहीं था सहाफत के नाम पर उनका सड़ांध परोसना। मुझे क़बूल नहीं था आज़ाद होकर भी ग़ुलाम बनना, इसलिए मैंने उन बेड़ियों को तोड़ दिया। बुशरा ने सोशल मीडिया पर अपने पाठकों/दर्शकों से आह्वान किया है कि अब मुझे आपके साथ और स्पोर्ट की ज़रुरत है।  एक छोटी सी शुरुआत करने जा रही हूँ The Nation के साथ मुझे उम्मीद है जिस तरह से आपने हमेशा मेरे काम को सराहा है, मेरी हौसलाअफ़जाई की है मेरी इस कोशिश को भी आपका भरपूर साथ मिलेगा।