AMU के छात्र नेता बोले, ‘एक क़ौम को बर्बाद करने के चक्कर में पूरा मुल्क बर्बाद कर दिया’

नई दिल्लीः हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद कुछ लोगों की ओर से तर्क दिया जा रहा था कि ‘अपने’ संस्थान बनाइए। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैज़ुल हसन ने इस तर्क को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी ज़रूर खोलने चाहिए जैसे एएमयू, जामिया हैं लेकिन इस वक़्त ये तर्क़ बेकार है कि हिजाब बैन लगा दिया गया है तो अपने कॉलेज खोलकर उसमें अपने बच्चों को पढ़ाएंगे बल्कि इस मुल्क़ को सबसे ज़्यादा क़ुर्बानी मुसलमानों ने ही दी है और आगे भी देंगे लेकिन जो संवैधानिक अधिकार सबको बराबर दिए गए हैं उसका जो हनन हो रहा है उसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा चाहे हमें हार का सामना क्यों ही न करना पड़े।

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फैज़ुल ने सवाल किया कि क्या कॉलेज और यूनिवर्सिटी उसी सरकार के अधीन नहीं हैं जो आज नफरत फैला रही है और जो कल हम खोलेंगे वह बिना सरकारी इमदाद के ही चल जाएँगे? हमें इनकी नफरत से लड़ना पड़ेगा चाहे हारें या जीतें।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेता ने कहा कि एक बाबरी मस्जिद को दे देने का मामला होता तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही मुस्लिम उसे दे देते लेकिन वह कोर्ट ऑफ जस्टिस को इसलिए बीच में रखे क्योंकि दुनिया के लिए मिसाल बनाना था कि फैसला और इंसाफ़ में कितना फ़र्क़ होता है। आज हिजाब है कल को ज़हरजीवी लोग कोई और नया मुद्दा लेकर आ जाएंगे। वह रुकने वाले नहीं हैं जबतक इस मुल्क़ में गृहयुद्ध न करवा देंगे।

उन्होंने कहा कि जब आज बड़े बड़े अधिकारियों से लेकर प्रधानमंत्री तक इस नफ़रत और झूठ से भरी मूवी को देखने के लिए प्रेरित कर रहें हैं तो सोंचिये उनका प्लान क्या होगा? भारत की अज़ीम पहचान भाईचारे को इन 7-8 सालों में जिस तरह से ख़त्म कर दिया गया है उसे पूरी दुनिया ने देखा है। अब हमारे पास ग़म और गुस्सा दिखाने के लिए न तो आँसू बचे हैं और न ही किसी के कंधे जिसके बदौलत हम अपना दर्द बयां कर सकें।

फैज़ुल हसन ने कहा कि एक क़ौम को बर्बाद करने के चक्कर में पूरा मुल्क़ बर्बाद कर दिया और लोग तमाशबीन की तरह खड़े होकर देख रहें हैं और खुश हो रहें हैं, खुदा आबाद रखे इस मुल्क़ को, इन भेड़ियों की बुरी नज़र से बचाये! आख़िर में उन्होंने एक शेर कहा कि-

वो दिलों में आग लगाएगा मैं दिलों की आग बुझाऊंगा

उसे अपने काम से काम है मुझे अपने काम से काम है।