नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आज़म ख़ान लगभग 11 महीने से जेल में बंद हैं। अब उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर सरकार की नज़रें टेढ़ी हैं। रामपुर की एक अदालत ने जौहर यूनिवर्सिटी की 1400 बीघा ज़मीन सरकार के हवाले कर दी है। आज़म खान के साथ होने वाले इस व्यवाहर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेता एंव छात्रसंघ अध्यक्ष रहे फैज़ुल हसन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी और आज़म खान मुसलमानों की पहचान हैं जिन्हें इसी बात की सज़ा मिल रही है।
फैज़ुल ने कहा कि जिस जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर पेट में इतना दर्द है वे मोहम्मद अली जौहर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। वे महान स्वतंत्रता सेनानी समाजिक कार्यकर्ता, विद्वान, पत्रकार और कवि भी थे। एएमयू और जामिया स्थापित करने में उनका भी योगदान रहा है। इसी वजह से जौहर यूनिवर्सिटी सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई है।
मुकदमे दर्ज कराने वाले कांग्रेसी मुसलमान
छात्र नेता ने कहा कि आज़म खान पर अभी तक जो भी मुक़दमे हुए हैं, उन मुकदमों के दर्ज कराने वाले ज्यादातर लोग कांग्रेसी हैं और उनका संबंध भी मुस्लिम समुदाय से है। फैजुल ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस के बड़े लोगों को यह बात नहीं दिखी और रोकने की कोशिश नहीं की कि यह झूठे मुकदमे मत दर्ज कराओ या अगर दबाव में करा दिया है तो वापस ले लो। या किसी कांग्रेसी नेताओं का बयान आया कि जो भी आज़म खान के साथ हो रहा है वह गलत है। फैजुल ने कांग्रेस नेतृत्व को चेतावनी देते हुए कहा कि हमसे यह मत कहिये कि आओ और कांग्रेस के साथ जुड़कर काम करें।
उन्होंने कहा कि मुझसे दोगली राजनीति नहीं होती है इसलिए जहां भी हूं जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने आप मे ठीक हूं। कांग्रेस अपने कर्मों की सज़ा भुगत रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुसलमानों का नुकसान भाजपा और कांग्रेस दोनों ने मिलकर किया है। इसलिए ये मुसलमान उनकी ग़ुलाम नहीं हैं जो उन्हें ही वोट देकर सत्ता देते रहेंगे। मुसलमानों को तेजपत्ता बनाने वाली कांग्रेस ही है जिसको सिर्फ भाजपा इस्तेमाल कर रही है। अब कांग्रेस के लोग आज़म खान के साथ जो कर रहे हैं इसका मतलब साफ है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर उर्दू नाम वाले और जौहर यूनिवर्सिटी को तबाह और बर्बाद करना चाहते हैं।
हिंदुओं ने दिया था चंदा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेता ने कहा कि जब भी उनकी आज़म खान से मुलाक़ात हुई वह यही बताते थे कि जौहर यूनिवर्सिटी को सबसे ज़्यादा चन्दा हिंदुओं ने दिया है और उसको बनाने में सबसे ज़्यादा समर्थन हिंदुओं ने किया है। फैजुल ने कहा कि अब अगर योगी आदित्यनाथ इसलिए नफ़रत कर रहें हैं कि वह यूनिवर्सिटी एक मुस्लिम क्रांतिकारी के नाम से है इसलिए तोड़ देंगे तो उन्हें आज़ादी के परवानों का इतिहास शायद नहीं पता है।
फैज़ुल ने कहा कि मैं उसी कांग्रेस की बात कर रहा हूं जिसने एएमयू के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा रोक दिया था अब अगर भाजपा ने 2014 में उस स्टेटस पर स्टे के लिए सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट लगाया तो इसमें इतना चौकने की ज़रूरत नहीं है। आज़म खान के जेल से बाहर आने पर समाजवादी पार्टी और सियासत में नई हलचल होगी यह भी सच है।