नई दिल्लीः शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में अमरोहा से सांसद कुँवर दानिश अली ने शून्यकाल काल के दौरान एक दिसम्बर 2021 को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग की थी। दानिश अली की इस मांग का केंद्रीय कृषि मंत्री संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 22 फरवरी 2022 को सांसद कुँवर दानिश अली को अवगत कराते हुए कहा कि भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष दोनों फसल मौसमों में उचित औसत गुणवत्ता (FAQ) की 22 प्रमुख कृषि वस्तुओं के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा करती है।
दानिश अली के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि इसके अलावा, तोरिया और छिलके वाले नारियल के लिए एमएसपी भी क्रमशः टोरी और सरसों और नारियल के एमएसपी के आधार पर तय किया जाता है। सरकार अपनी विभिन्न हस्तक्षेप योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभकारी मूल्य भी प्रदान करती है। इसके अलावा, समग्र बाजार एमएसपी की घोषणा और सरकार के खरीद कार्यों का भी जवाब देता है जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न अधिसूचित फसलों के लिए एमएसपी पर या उससे अधिक की निजी ख़रीद होती है।
सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य एजेंसियों के माध्यम से धान और गेहूं के लिए समर्थन मूल्य प्रदान करती है। इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के पोषक अनाज और मक्का राज्य सरकारों द्वारा स्वयं एफसीआई के परामर्श से इस हद तक खरीदे जाते हैं कि संबंधित राज्य सरकार लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के साथ-साथ अन्य कल्याण योजनाओं (ओडब्ल्यूएस) के तहत वितरण के लिए इसका उपयोग कर सकती है। )
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) की अम्ब्रेला योजना के तहत समर्थन मूल्य योजना के तहत पंजीकृत किसानों से उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के तिलहन, दालें और नारियल की खरीद संबंधित राज्य के परामर्श से एमएसपी पर इसके निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की जाती है। सरकार। कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) और जूट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (JCI) के माध्यम से सरकार द्वारा MSP पर कपास और जूट की भी ख़रीद की जाती है।
एमएसपी पर सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रभावी खरीद करने और किसानों को एमएसपी का अधिकतम लाभ प्रदान करने के लिए, संबंधित राज्य सरकार की एजेंसियों और केंद्रीय नोडल एजेंसियों जैसे नैफेड, एफसीआई आदि द्वारा उत्पादन, विपणन योग्य अधिशेष, किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए खरीद केंद्र खोले जाते हैं। और अन्य लॉजिस्टिक्स, बुनियादी ढांचे जैसे भंडारण और परिवहन आदि की उपलब्धता। किसानों की सुविधा के लिए प्रमुख बिंदुओं पर मौजूदा मंडियों और डिपो,गोदामों के अलावा बड़ी संख्या में खरीद केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।
कृषि मंत्री के जवाब पर कुँवर दानिश अली ने असंतुष्टता जताते हुए कहा कि मंत्री जी ने सिर्फ MSP की प्रकिया बताई है मेरे मूल सवाल का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने MSP पर क़ानून बनाने की कोई बात नहीं कही है। इस से सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाज़मी है।