अमरोहाः ब्याह शादी में होने वाली फिज़ूलखर्ची के ख़िलाफ अब इस्लामिक धर्म गुरुओं ने कमर कस ली है। फिजूलखर्ची को रोकने की यह पहल उत्तर प्रदेश के अमरोहा से शुरु हुई है। मुफ्ती मोहम्मद शाहिद, मुफ्ती अफ्फ़ान मंसूरपुरी और मुफ्ती इज़हार ने इसी सप्ताह मंगलवार को इस मुहिम कु शुरुआत की है। एक शादी में डीजे बजने की ख़बर पर इन तीनों इस्लामिक धर्म गुरुओं ने निकाह पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमरोहा शहर के मौहल्ला मुल्लाना से सटे एक दूसरे मौहल्ले में शादी थी, जिसमें मंगलवार को निकाह होना था। दुल्हा पक्ष से कुछ लोग जामा मस्जिद गए और मुफ्ती अफ्फ़ान मंसूरपुरी से निकाह पढ़ाने की गुज़ारिश की, इसी दौरान किसी शख्स ने मुफ्ती अफ्फ़ान मंसूरपुरी को बता दिया कि जिस शादी में आप निकाह पढ़ाने जाएंगे वहां रात भर डीजे पर नाच गाना हुआ है, ये सुनते ही मुफ्ती अफ्फ़ान मंसूरपुरी ने निकाह पढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। लोगों ने उनसे काफी मिन्नतें की लेकिन मुफ्ती अफ्फ़ान अपने फैसले पर अडिग रहे।
इसके बाद दुल्हा पक्ष मुफ्ती शाहिद के पास पहुंचा लेकिन उन्होंने भी निकाह पढ़ाने की हामी नहीं भरी, इसी तरह मुफ्ती इज़हार भी निकाह पढ़ाने के लिय राज़ी नहीं हुए। तीनों मुफ्तियों का यह फैसला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इनके इस फैसले की सराहना भी हो रही है। वहीं शादी में डीजे बजने की वजह से निकाह पढ़ाने से इनकार करने वाले मुफ्ती अफ्फ़ान मंसूरपुरी का कहना है कि शादी में होने वाली फिज़ूलखर्ची के ख़िलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद जल्द ही एक मुहिम चलाने जा रही है। उन्होंने समाज से अपील की है कि शादी में दहेज का लेन देन बंद करें और सुन्नती तौर तरीक़ों से शादी करें।
क्यों छिड़ी है बहस
जानकारी के लिये बता दें कि राजस्थान की एक युवती आयशा की शादी अहमदाबाद में आरिफ नाम के एक युवक से हुई थी। आरोप है कि आरिफ ख़ान के परिवार ने आयशा के परिवार वालों से दहेज की मांग की थी, जिसके बाद आयशा के परिवार ने अपनी हैसियत के मुताबिक़ इस मांग को पूरा किया, लेकिन फिर भी यह मांग समाप्त नहीं हो सकी, इसके बाद आयशा ने पानी में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उसने अपना वीडियो भी बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायर हुआ था।