जयपुर। जब एक ग़रीब किसान ने ख्वाजा गरीब नवाज़ से मदद माँगी तो आप उसके लिए दिल्ली साथ चल पड़े। उन्होंने सुल्तान अल्तमश से कहकर किसान का लगान माफ करवाया। उनका यह चरित्र दिखाता है कि ख्वाजा का संदेश मानवता की सेवा का था। यह बात ख्वाजा गरीब नवाज़ के उर्स के समापन पर शहर में आयोजित एक जनसभा में इस्लामी स्कॉलर सैयद अमीनुल क़ादरी ने कही। कार्यक्रम का आयोजन सुन्नी दावते इस्लामी ने किया था। सभा घाट गेट के काज़ी के नला स्थान पर आयोजित की गई थी।
क़ादरी ने कहाकि ख्वाजा साहब का जीवन सूफीवाद का संदेश है। वह न्यायप्रिय थे और सामाजिक न्याय के पैरोकार थे। आज जबकि निर्धन को कोई नहीं पूछ रहा, मेरे ख्वाजा ने हमेशा ग़रीबों को नवाजा इसलिए आपको ग़रीब नवाज़ के नाम से जाना जाता है। क़ादरी ने कहाकि मात्र धार्मिक कर्मकांड ही पुण्य का मार्ग नहीं वरन् ख्वाजा साहब के जीवन से हमें पता चलता है कि मानव मात्र की सेवा से भी पुण्य मिलता है। उन्होने नौजवानों से अपील की कि वह नशे की लत में गिरफ्त न हों क्योंकि इससे ना सिर्फ वह धर्म और देश के विरोधी हैं बल्कि उनके परिवार के सामने भी संकट आ जाएगा। अमीनुल क़ादरी ने पर्यारण की रक्षा के लिए भी आह्वान करते हुए युवाओं को देश सेवा के लिए आगे आने के लिए कहा। सभा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोग सैयद अमीनुल क़ादरी की एक झलक पाने के लिए टूट पड़े।
इस मौक़े पर सुन्नी दावते इस्लामी के जयपुर प्रभारी सैयद मुहम्मद क़ादरी ने मेहमानों का स्वागत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन शकील अशरफ़ी ने किया। शहर के कई गणमान्य नागरिक और धर्मगुरू इस मौक़े पर कार्यक्रम में उपस्थित रहे। गुलज़ार मस्जिद के इमाम मौलाना अय्यूब आलम रिज़वी, जालूपुरा मस्जिद के इमाम मौलाना हाशिम रज़ा, जालूपुरा नूरानी मस्जिद के इमाम राशिद मिस्बाही, भट्टाबस्ती की इमाम रज़ा मस्जिद के इमाम मौलाना इज़हार, हसनपुरा मस्जिद के मौलाना ज़रीफ़ नूरी, सी स्कीम बुर्ज मस्जिद के इमाम मौलाना ख़ालिद रज़ा, सांगानेर रहमानिया मस्जिद के इमाम अब्दुल लतीफ़, सांगानेर जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अकरम रज़ा और आमेर मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन कार्यक्रम में उपस्थित रहे।