नयी दिल्लीः भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की वर्ष 2021 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर भारत के बारे में निष्कर्षों पर गहरी नाराज़गी जाहिर की है और कहा है कि वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित बातों और दुर्भावनापूर्ण विचारों के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां अमेरिकी रिपोर्ट के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि हमने अमेरिकी विदेश विभाग की वर्ष 2021 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट तथा वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के अपूर्ण एवं गलत जानकारी पर आधारित टिप्पणियों को देखा है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। हम आग्रह करते हैं कि राजनीति प्रेरित इनपुट और पूर्वाग्रह से ग्रसित विचारों के आधार पर आकलन से बचा जाना चाहिए।
अरिंदम बागची ने कहा कि एक स्वाभाविक रूप से बहुलतावादी समाज होने के नाते भारत धार्मिक स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों का आदर करता है। अमेरिका के साथ हमारी चर्चाओं में हमने लगातार उनके यहां नस्लीय भावना से प्रेरित हमलों, घृणा आधारित अपराध एवं बन्दूक हिंसा से जुड़े मुद्दों को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं।
वाशिंगटन में धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि भारत में, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और जहां कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, वहां हम लोगों और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़ते देख रहे हैं।
अमेरिकी कांग्रेस के एक निकाय ने सोमवार को बिडेन प्रशासन से भारत को धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के संदर्भ में विशेष चिंता वाले देश के तौर पर वर्गीकृत करने की सिफारिश की थी। इस सूची में भारत के अलावा चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत 11 दूसरे देश भी शामिल हैं।