अल्ताफ़ मामला: न्याय विरोधी मीडिया ने फिर दिखाई अपनी औक़ात

कासगंज के अल्ताफ की पुलिस कस्टडी में मौत को ले कर भों भों मीडिया अपनी औकात दिखाने लगा है। आजतक खबर चला रहा है कि मृतक अल्ताफ के फोन में अश्लील क्लिप मिले हैं और उसका कथित नाबालिग लड़की से इश्क़ था लेकिन आजतक यह नहीं कह रहा कि क्या यह किसी की हत्या कर देने के लिए पर्याप्त कारण है क्या? असल में अल्ताफ एक टाइल्स की दुकान पर नोकरी करता था और साथ में सीजन में पुताई का काम करता था।  वह उसके घर का एकमात्र जीवकोपार्जन करने वाला इंसान था।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

पुताई के समय उसका किसी लड़की से प्रेम हो गया। आरोप है कि 8 नवम्बर को एक रिपोर्ट लिखवाई गई कि उक्त नाबालिक लड़की घर से गायब है और साथ में वह अपने सर्टिफिकेट भी ले गई। आरोप था कि अल्ताफ ने अपने किसी दोस्त के साथ लड़की को दिल्ली भेज दिया। इस मामले में ही पुलिस अल्ताफ को उसके घर से ले गई थीं।

पुलिस का बयान है कि कोतवाली कासगंज में 363 और 366 IPC के एक प्रकरण के संदर्भ में अल्ताफ पुत्र चांद मियां को पूछताछ के लिए लाया गया था. उसने टॉयलेट जाने का अनुरोध किया जिसके बाद उसे हवालात में बने टॉयलेट में भेजा गया. अल्ताफ ने टॉयलेट के अंदर लगे नल में अपने जैकेट के हुड में लगी डोरी को फंसा कर गला घोंटने की कोशिश की. काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो पुलिसकर्मी अंदर गए और बेहोशी की हालत में उसे सीएचसी अशोक नगर कासगंज पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.”

कासगंज पुलिस के मुखिया रोहन प्रमोद बोत्रे की थ्योरी किसी के गले नहीं उतर रही है. उनके दावे पर सवाल उठने लगे हैं. वजह है लॉकअप के टॉयलेट की वो तस्वीर जिसमें साफ दिख रहा है कि जिस नल के पाइप से डोरी बांधकर अल्ताफ के आत्महत्या करने का दावा किया गया, वो जमीन से केवल 2 फीट की ऊंचाई पर है. जबकि अल्ताफ के परिजनों ने उसकी लंबाई साढ़े पांच फीट बताई है. सवाल उठता है कि साढ़े पांच फीट का व्यक्ति दो फीट ऊंचे नल पर लटककर कैसे फांसी लगा सकता है.

अब चित्र से स्पष्ट है कि इतने नीचे से, इतनी कमजोर डोरी से 55 किलो के युवा को संभाल पाना मुश्किल है। प्रारंभिक फोटो और बाद के वीडियो से साफ है कि क्राइम सीन को बाद में साफ किया गया, जो कि अपराध है। उधर मृतक के पिता से भी पुलिस ने ‘समझौते’ के तहत पहले एक तहरीर लिखवाई, फिर उस बेबस पिता का वीडियो भी जारी करा दिया। पॉवर का दुरुपयोग इसी को कहा जाता है, कि आप किसी की जान लेलें फिर उसके परिजनों को आतंकित करके समझौता पर आमादा कर लें। सोचिएगा कि जवान बेटे की लाश उठाने वाले चांद मियां जो पहले रहे थे कि उन्हें इंसाफ चाहिए, वे कार्रावाई से इतने ‘संतुष्ट’ कैसे हो गए कि उन्होंने उसका वीडियो भी जारी कर दिया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)