पणजीः कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि डॉ.मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के खिलाफ लगाए गए 2-जी स्पेक्ट्रम के आरोप एक साजिश थी। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबाेधित करते हुए कहा कि यह तत्कालीन सरकार में हलचल पैदा करने के इरादे से की गई एक सोची समझी साजिश थी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ”क्यों सरकार पिछले सात सालों में मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर सकी? ये ठीक उसी तरह के आरोप हैं, जिनके आधार पर भाजपा दिल्ली के साथ-साथ गोवा में सत्ता में आई है। लोगों का इस्तेमाल कठपुतलियों की तरह किया गया, जिनकी रस्सी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और नरेंद्र मोदी के हाथों में थी।”
नोटबन्दी सबसे बड़ा स्कैम ! : @LambaAlka जी#नोटबंदी_अर्थतंत्र_की_बरसी pic.twitter.com/OVon13bytc
— GAURAV CHAWLA (@GauravChawla84) November 8, 2021
अलका लांबा ने बताया, जो लोग इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार का विरोध कर रहे थे, उन्हें बाद में मंत्री पद से पुरस्कृत किया गया या राज्यपाल बना दिया गया। आरोप लगाने वाले आरोप साबित करने के लिए आगे नहीं आए। जन लोकपाल बिल की स्थिति कोई नहीं जानता। दिल्ली में लोकायुक्त का पद पिछले एक साल से खाली है।”
अलका लांबा ने नोटबंदी को एक ‘धोखा’ करार देते हुए पूछा, ”क्या काला धन भारत में वापस आया, आतंकवाद खत्म हुआ, लोगों ने पत्थर उठाना छोड़ा?” अलका लांबा कहती हैं कि सरकार को स्विस बैंक में मौजूद रकम के बारे में देश को आगाह करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार को डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार पर लगे आरोपों को साबित करने की चुनौती दी।