नई दिल्ली/लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता और बालरोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने NSA के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और हिरासत की अवधि को बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार दिया।
हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि रासुका के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है। कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए। बता दें कि डॉक्टक कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद हैं। हाल ही में उनकी हिरासत को 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था। डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने और कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैड भी भेजा था।
गोरखपुर के बाबा रघुवर दास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कफ़ील ख़ान 2017 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब इस अस्पताल में ऑक्सीजन न मिलने का कारण 70 के क़रीब बच्चों ने दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन के भ्रष्टाचार के चलते ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का पेयमेंट नहीं किया गया था। जिस रोज़ अस्पताल त्रासदी हुई उस रोज़ डॉ. कफ़ील ख़ान छुट्टी पर थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने छुट्टी रदद् करके अपनी ज़ेब से पैसा देकर दम तोड़ते मासूमों को बचाया था। जिसके बाद डॉक्टर कफ़ील ख़ान लोगों की नज़र में हीरो बन गए लेकिन उनका हीरो बनना सरकार को खटक गया।