नई दिल्लीः कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने सत्ताधारी दल भाजपा और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने सत्ताधारी दल को चेतावनी देते हुए कहा है कि इंकलाब आने वाला है, सत्ता के दलालों सम्भल सको तो सम्भलो। अलका ने कहा कि जिस दल की आज देश में सरकार है, उस दल का नेता जनता (किसानों) के प्रति अपनी पार्टी की जवाबदेही तय करने की बजाए,चुनावी प्रचार करने में व्यस्त,अपने वोट गिन रहा है, और जिस नेता की पार्टी आज सत्ता में नहीं है वह सब प्रचार छोड़ मात्र किसानों के लिए राष्ट्रपति जी तक से गुहार लगा रहा है।
उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि केजरीवाल जी के मुंह से AAP ने अंतिम बार अडानी, अम्बानी – मोदी, शाह की जोड़ियों को ललकारते हुए या फिर उनका नाम लेते हुए कब सुना है? बता सकते हैं? व्यवस्था बदलने आए थे, सत्ता में आते ही ख़ुद ही बदल गए। पूर्व विधायक अलका लांबा ने किसानों को खालिस्तानी बताने वाले सरकार समर्थित लोगों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि थोड़ा सा चुभने वाला है, कडवा है, पर सच है, जो अंधभक्त किसानों को आज आतंकी, गुंडा बता रहे हैं, उन्हें भूलना नहीं चाहिए की आज जो देश का गृहमंत्री बना बैठा है उसे भी कभी गुजरात से बाहर कर तड़ीपार घोषित कर दिया गया था, बस सब समय समय की बात है।
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बंगाल यात्रा पर भी सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि सब याद रखा जायेगा, जब देश का अन्नदाता, ठण्ड में, खुले में सडकों पर, दिल्ली की दहलीज पर बैठा था, तब सब संघी भाजपाई नेता दिल्ली छोड़ बंगाल में अपनी वोटों की हिंसक राजनीति के प्रचार प्रसार में व्यस्त थे। इन्हें देश और देशवासियों की परेशानियों, समस्याओं से कोई लेन-देन नहीं है।
अलका लांबा ने कहा कि किसान नेताओं ने बताया कि गृहमंत्री जी के साथ मीटिंग में उन्होंने माना कि उनसे ग़लती (बिना चर्चा किए अध्यादेश के माध्यम से किसान क़ानून थोपे जाना) हुई है, सरकार द्वारा अब समय रहते उस ग़लती को सुधारने की जरूरत है,ना कि अपनी नाक/प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर अड़े रहने की। कानून वापस हों।