बेंगलुरू: कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों के अंदर धार्मिक कपड़ों पर रोक लगाने के राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा। शिक्षा विभाग ने कहा कि एक बार परीक्षा छूटने वालों के लिए कोई पुन: परीक्षा नहीं होगी, चाहे वह किसी भी आधार पर हो। सरकार के इसी निर्णय को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखते हुए हिजाब को ग़ैर इस्लामी करार दिया था। जिसके बाद से छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
अब कर्नाटक सरकार के शैक्षणिक संस्थानों के अंदर धार्मिक कपड़ों पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली मुस्लिम छात्राओं में से एक आलिया असादी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से एक बार फिर मुस्लिम छात्रों के भविष्य पर विचार करने का आग्रह किया है।
आलिया ने लिखा दूसरी पीयू परीक्षाएं इस महीने की 22 तारीख से शुरू होने जा रही हैं। आलिया ने मुख्यमंत्री बोम्मई से कहा आपके पास अभी भी हमारे भविष्य को बर्बाद होने से रोकने का एक मौका है। आप हमें हिजाब पहनकर परीक्षा लिखने की अनुमति देने का निर्णय ले सकते हैं। कृपया इस पर विचार करें हम इस देश का भविष्य हैं।’
जानकारी के लिये बता दें हिजाब प्रतिबंध के कारण कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है, जबकि राज्य के शिक्षा विभाग ने कहा कि ऐसे उम्मीदवारों के लिए कोई पुन: परीक्षा नहीं होगी। मंत्री बीसी नागेश ने पहले कहा था “कोर्ट ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे। परीक्षा से अनुपस्थित होना केवल प्रमुख कारक होगा और इसका कारण नहीं होगा, चाहे वह हिजाब विवाद या अस्वस्थता या उपस्थित होने में असमर्थता या अध्ययन न करने के कारण हो। अंतिम परीक्षा में- अनुपस्थित का अर्थ है अनुपस्थित- दोबारा परीक्षा नहीं हो सकती है।