लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुये आरोप लगाया कि मौजूदा योगी सरकार पिछली समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के कार्यकाल में किये गये विकास कार्यो को अपना नाम दे रही है जबकि हकीकत में राज्य में विकास और कानून व्यवस्था की हालत और पतली हुयी है।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बुधवार को निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच तीखी नोकझोंक हुयी जिसके चलते नेता सदन योगी आदित्यनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुये विकास कार्यो का श्रेय लेने का आरोप लगाया और कहा कि कानून व्यवस्था एवं विकास के मामले में मौजूदा सरकार बुरी तरह विफल हुयी है। उन्होने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुये कहा कि प्रदेश में इस समय चारों ओर अराजकता और असुरक्षा का माहौल है। सामूहिक बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। विकास कार्य अवरूद्ध हुए हैं। मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में ऐसा कोई विकास कार्य नहीं किया, जिसे वह अपनी उपलब्धि के तौर पर बता सके।
उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार के कोई ठोस योजना नहीं तैयार की है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा के सूचकांक पर यूपी आज नीचे से चौथी पायदान पर है जबकि भ्रष्टाचार के मामले में यूपी नंबर वन चल रहा है। फर्जी इनकांउटर के मामले में मानवाधिकार आयोग से सब से ज्यादा नोटिस यूपी को ही मिल रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एनसीआर के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में सांप्रदायिकता बढ़ी है और पुलिस पर सरकार का कोई अंकुश नहीं है। उन्होने सपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के विकास कार्यो पर ही अपना लेबल लगाकर फीता काटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि उसने अपने पिछले पांच साल में कौन से ऐसे विकास कार्य किए है जिसको लेकर वह जनता के बीच अपनी उपलब्धियां गिना सके।
आगरा एक्सप्रेस वे, मेट्रो और लोकभवन को सपा सरकार का प्रोजेक्ट बताते हुये उन्होंने कहा कि इस सरकार के पास गिनाने के लिए कोई एक काम भी नहीं है। अखिलेश ने आरोप लगाया कि बरेली में सपा विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ जानबूझकर बदले की भावना से उत्पीड़न की कार्यवाही की गई और उनका पेट्रोल पंप गिरा दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष द्वारा अपने अभिभाषण के दौरान सरकार की गिनाई गई खामियों के जवाब में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश में जो भी विकास कार्य पूरे हुये, वे इसी सरकार में किये गये। यदि सपा सरकार में सभी योजनाएं बेहतर थी तो जनता ने उन्हें दोबारा सत्ता क्यों नहीं सौपी। सपा लगातार चौथा चुनाव हारी है, जनता ने भाजपा की कथनी करनी पर भरोसा किया है। तभी दूसरी बार उसने भाजपा को चुनकर भेजा है।
कोरोना काल के दौरान यूपी में अखिलेश यादव द्वारा अव्यवस्था का सवाल उठाए जाने पर डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा वालों को कोरोना का टीका और माथे के टीके से हमेशा दिक्कत रही है। सबसे ज्यादा वैक्सीन यूपी में लगाई गई जहां तक गंगा में लाशे बहाये जाने की बात है तो वहां की यह परंपरा रही है कि लोग अपने परिजनों के शव गंगा के किनारे रेत में दबा कर ऊपर से रामनामी डाल देते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार के कार्यकाल की यह अभी झांकी है, पूरे पांच साल की पिक्चर अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति अब तुष्टिकरण के चंगुल से निकल चुकी है। सरकारी नौकरियों को जातिवाद, क्षेत्रवाद और पार्टीवाद से दूर रखा गया है। मौर्य ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में भ्रष्टाचार तथा उसका ‘समाजवादीकरण’ कर दिया गया था।
डिप्टी सीएम के संबोधन के दौरान कई बातों पर उनकी नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव से तीखी नोंक झोंक भी हुई। इस पर नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब नेता प्रतिपक्ष बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी बात पूरे ध्यान से सुन रहे थे, किसी भी बात पर सहमति असहमति हो सकती है लेकिन किसी बात पर इतना उत्तेजित हो जाना ठीक नहीं है। योगी ने कहा कि सच सुनने का साहस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब समय आएगा तो वह भी अपने भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष की बातों का विधि संमत जवाब देंगे।