अजमेर: ख्वाजा की नगरी में लगे उर्स में जायरीन के लिए जमीअत उलमा-ए-हिंद ने लगाया मेडिकल कैंप

नई दिल्ली/अजमेर शरीफ: आज यहां ख्वाजा की नगरी अजमेर शरीफ में जमीअत उलमा-ए-हिंद के तत्वाधान में एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया गया, जो 810वें उर्स के दौरान जायरीन को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। इसके साथ ही जमीअत उलमा-ए-हिंद, सुल्तान-उल-हिंद हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन अजमेरी चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह के जनसेवा भाव का ध्वजवाहक संगठन है, इसके कार्यकर्ताओं ने काइड विश्राम स्थली में आज से चिकित्सकीय गतिविधियां शुरू कर दी हैं। यह जमीअत की पुरानी परंपरा रही है कि वह उर्स के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवा प्रदान करती है। 2019 में अजमेर शरीफ में जमीअत उलमा-ए-हिंद का 33वां महाधिवेशन हुआ था। इसके बाद जमीअत उलमा-ए-हिंद के वर्तमान अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की सरपरस्ती में इस सिलसिले को दोबार शुरू किया गया जो गत सात वर्षों से दोनों उर्स के मौके पर लगातार काम कर रहा है।

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शिविर का उद्घाटन समारोह आज अजमेर शरीफ में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता अंजुमन सैयद जादगान दरगाह शरीफ के सचिव अब्दुल वाहिद साहिब अंगारा ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने शिरकत की। इस शिविर का उद्घाटन दरगाह शरीफ के नायब नाजिम आदिल साहब ने किया और दरगाह अजमेर शरीफ के नाजिम मोहम्मद शादाब जैद साहब  ने शिविर का दौरा किया। 

इस अवसर पर मुफ्ती सलीम साकरस महासचिव जमीअत उलमा मेवात, मुफ्ती सलीम बनारसी अध्यक्ष जमीअत उलमा गुड़गांव, गौरी भाई दरगाह शरीफ, जनाब मुसव्विर साहब दरगाह शरीफ, मौलाना अलीमुद्दीन, हाफिज बशीर अहमद, मौलाना अबुल हसन पालनपुरी (आयोजक, जमीअत उलमा-ए-हिंद), मौलाना नईम जामिया मोइनुद्दीन चिश्ती, मौलाना जुबैर नाजिम मदरसा रहमानिया अजमेर, हाफिज अब्दुल वहीद, मौलाना गयासुद्दीन, नाजिम मदरसा फातिमा लिलबनात किशनगढ़, मौलाना अय्यूब मैनेजर मदरसा ओंट्रा, मौलाना अब्दुल खालिक खानपुर, यूसुफ भाई गैराजवाले, डॉ. इसरार अहमद, डॉ. नदीम, डॉ. अनादिल भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सैयद वाहिद हुसैन चिश्ती अंगारा ने जमीअत उलमा-ए-हिंद की बहुआयामी सेवाओं को स्वीकार किया और चिकित्सा शिविर के लिए जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष हजरत मौलाना महमूद मदनी की सराहना की। उन्होंने कहा कि हम मोहब्बत हासिल करने आए हैं। यह  मौलाना मदनी की विशेषता रही है कि वह हमेशा राष्ट्रीय एकता और आपसी भाईचारे के लिए प्रयासरत रहते हैं।

मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने अपने संबोधन में कहा कि जनसेवा ही हमेशा से जमीअत उलमा-ए-हिंद का मिशन रहा है। यह वही आदर्श और रास्ता है जिसका प्रचार-प्रसार हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी ने किया था। जमीअत उलमा-ए-हिंद इसी सिलसिले की एक कड़ी है। उन्होंने बताया कि इस बार जमीअत उलमा-ए-मेवात की टीम खासकर जमीअत उलमा-ए-हिंद मेवात के नाजिम मुफ्ती मोहम्मद सलीम साकरस और जमीअत उलमा गुड़गांव के अध्यक्ष मुफ्ती सलीम बनारसी इस चिकित्सा शिविर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उनके साथ एम्बुलेंस, मेडिकल टीम और अन्य वालंटियर हर समय तत्पर हैं।

मौलाना अलीमुद्दीन अजमेरी ने अपने संबोधन में जमीअत उलमा-ए-हिंद के पूर्व अध्यक्ष हजरत मौलाना सैयद असद मदनी द्वारा क्षेत्र में बुराइओं  को मिटाने के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान का उल्लेख किया। मौलाना सलीम बनारसी ने अपने भाषण में चिकित्सा शिविर को एक महान सेवा बताया।आज के कार्यक्रम की शुरुआत जमीअत उलमा-ए-हिंद के ऑर्गनिज़र  हाफिज वकारी बशीर अहमद के क़ुरआन पाक के पाठ से हुई, जबकि मुफ्ती सलीम साकरस  ने निदेशक के कर्तव्यों का पालन किया।