नई दिल्लीः ऑल इंडिया असम यूनाईटेड डेमोक्रेटिड फ्रंट (AIDF) के अध्यक्ष एंव लोकसभा सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल के संरक्षण में चलने वाली संस्था अजमल फाउंडेशन के ख़िलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारी सी.पी. मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि विदेशों से संदेहजनक तरीके से पैसे लेकर उसका संदिग्ध इस्तेमाल करने के मामले में अजमल फाउंडेशन जिसका संचालन मौलाना बदरुद्दीन अजमल करते हैं के खिलाफ FIR दर्ज़ की गई है। दिसपुर पुलिस ने केस दर्ज़ कर मामले की जांच शुरु कर दी है।
इन आरोपों को निराधार बताकर खारिज करते हुए मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि 100% झूठा आरोप है। मुझे, मेरे अजमल फाउंडेशन और मेरी पार्टी को बदनाम करने की ये साजिश है। हेमंत बिस्व सरमा (मुख्यमंत्री) ने इसे असम में गढ़ा है। जैसे ही उन्हें BTAD चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ हमारे गठबंधन का पता चला उन्होंने इसे इंटरनेशनल टेरर बना दिया।
कौन हैं बदरुद्दीन अजमल?
मौलाना बदरुद्दीन अजमल जाने माने इस्लामिक स्कॉलर एंव इत्र के कारोबारी हैं। उन्होंने साल 2005 में All India United Democratic Front नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई। वे तीसरी बार असम की ढ़ुबरी लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं। साल 2016 के विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी को किंगमेकर के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन सूबे में चली भाजपा लहर में भाजपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली थी।
जानकारी के लिये बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ने लोकसभा की तीन सीटें जीतीं थीं। इससे पहले उनकी पार्टी के पास मात्र एक लोकसभा सांसद एंव 18 विधायक हुआ करते थे। साल 2016 के विधानसभा चुनाव में असम में भाजपा के लहर चुनाव में उनकी पार्टी ने 14 विधानसभा सीटें जीतीं थीं। माना जा रहा है कि इस बार उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके साल 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
मौलाना बदरुद्दीन अजमल की पहचान एक समाजिक सेवा के रूप में ज्यादा रही है, उन्होंने असम में ग़रीबों की मदद की है, उनके द्वारा चलाया जाने वाला अजमल फाउंडेशन शिक्षा एंव ग़रीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अधिक कार्य करता है। इसी साल नीट की परीक्षा का टॉपर शोएब आफताब भी अजमल फाउंडेशन से संबंधित रहा है, जिसे परीक्षा में टॉप करने के बाद अजमल फाउंडेशन की ओर से एक लाख रुपये का चैक देकर सम्मानित किया गया था।