1990 में कश्मीर के हिंदुओं की हत्या हुई और उनको सामूहिक पलायन करना पड़ा. पंडितों के पलायन के पहले कश्मीर की आबादी में मुसलमानों का शेयर 95% था. पंडित बमुश्किल पाँच फ़ीसदी थे. सैंकड़ों सालों से कश्मीर की घाटी में पाँच परसेंट हिंदू और पंचानबे परसेंट मुसलमान मिल कर रह रहे थे. फिर 1990 में ऐसा क्या हुआ कि अचानक मुसलमानों ने हिंदुओं का कत्लेआम कर दिया?
अगर हम ये मान लें कि हिंदुओं की हत्या के लिए मुसलमानों के मन में ग़ैर-मुसलमानों के प्रति नफ़रत ज़िम्मेदार है तो सवाल ये उठता है कि ये नफ़रत 1990 के चंद दिनों में ही क्यों सामने आई?
अगर इस्लाम नफ़रत सिखाता है तो फिर सैंकड़ों साल तक कश्मीर के मुसलमानों ने अपने मज़हब से ये सबक़ क्यों नहीं सीखा था? अचानक दो-तीन महीनों में ही कैसे सबने इस्लाम से नफ़रत का सबक़ सीख लिया? ये भी कहा जाता है कि कश्मीर का मुसलमान एंटी-इंडिया है इसलिए मुसलमानों ने पंडितों की हत्या की.
इस पर भी फ़ौरन सवाल खड़ा होता है कि कश्मीर का मुसलमान एंटी-इंडिया कब हुआ? अक्तूबर 1947 में जब पाकिस्तान फ़ौज ने क़बीलाई लोगों के साथ मिल कर श्रीनगर पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश की तो वहाँ के मुसलमानों ने उनका विरोध क्यों किया और हथियार लेकर उनका मुक़ाबला क्यों किया?
अगर कश्मीर का मुसलमान एंटी हिंदू और एंटी इंडिया था तो फिर दशकों तक वहाँ पर हिंदी फ़िल्में कैसे शूट होती रही हैं? राज कपूर, देव आनंद, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और तमाम हीरो-हीरोइनों की सैंकड़ों फ़िल्में बिंदास कैसे वहाँ जाकर महीनों रह कर शूटिंग करती रहीं? कैसे हिंदी फ़िल्मों में कश्मीर प्यार और मुहब्बत की ज़मीन के रूप में दिखाई जाती रही? कोई एक तो हमला होना चाहिए था हिंदी फ़िल्म यूनिटों पर? पचास, साठ, सत्तर के दशकों में?
अगर कश्मीर का मुसलमान एंटी हिंदू और एंटी इंडिया था तो फिर मेरे चचेरे बड़े भाई जैसे लाखों हिंदू शादी करके बीवी के साथ हनीमून मनाने कैसे आराम से कश्मीर चले जाते थे और हफ़्तों मुस्लिम इलाक़ों में निडर घूमते फिरते फ़ोटो खिंचाते रहते थे?
कैसे पूरे भारत से लाखों हिंदू लोग हर साल गर्मियों में पूरे परिवार के साथ कश्मीर में छुट्टी मनाने जा पाते थे अगर कश्मीर का एक एक मुसलमान हिंदुओं और इंडिया से नफ़रत करता था? तब क्यों नहीं कश्मीर के मुसलमानों ने उन छुट्टी मना रहे हिंदुओं पर हमला किया, उनपर गोली चलाई? उस दौर में तो भारतीय सेना भी इतनी बड़ी तादाद में वहाँ मौजूद नहीं थी. तो आख़िर 1990 में हुआ क्या था? आख़िर क्यों कश्मीर के मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या की?
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)