नई दिल्लीः वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने सोशल मीडिया पर एक ट्रोल को करारा जवाब देते हुए ‘ज़हरजीवी’ ऐंकर्स पर भी निशाना साधा है। दरअस्ल अजीत अंजुम ने फेसबुक पर एक पोस्ट करते हुए कहा था कि एक वो भी 29 जनवरी थी एक ये भी 29 जनवरी है अमित शाह आज उन्हीं किसानों से वोट मांगने गए जिन्हें तब बीजेपी वालों ने ही मवाली, देशद्रोही, गुंडा और न जाने क्या क्या कहा था। इस विडियो में देखिए 29 जनवरी 2021 की सुबह भी और आज अमित शाह की भड़काऊ बातें भी।
उनके इस पोस्ट पर विकास नामी एक ट्रोल ने उन्हें धमकी देते हुए उन पर एकतरफा पत्रकारिता करने का आरोप मढ़ दिया। जिसका जवाब देते हुए अजीत अंजुम ने कहा कि मैं पत्रकार हूं। गोस्वामियों और चौधरियों की तरह मोद- योगी का सेवक बनकर देश में जहर बांटने वाला पादुका पूजक नहीं।
अजीत अंजुम ने लिखा कि Vikash Nagaech देखो भाई। जनता जिसको लाना चाहेगी, वो आएगा। रही बात इतिहास के माफ न करने की, तो इतिहास सत्ता और सरकारों के सामने डटकर और तनकर खड़े होने का होता है, चाटुकारों का नहीं। मैं पत्रकार हूं। गोस्वामियों और चौधरियों की तरह मोदी -योगी का सेवक बनकर देश में जहर बांटने वाला पादुका पूजक नहीं। पत्रकार का काम सत्ता से सवाल करने का होता है , सत्ता के सामने लेटने का नहीं । चाहे किसी की सत्ता हो।
अजीत ने कहा कि देश को हिंदू -मुसलमान में बांटकर जो जहरीली राजनीति हो रही है, उससे खतरनाक कुछ नहीं। आप अपना ख्याल रखें, मेरी चिंता छोड़ दें, मैं थोड़ा टेढ़ा आदमी हूं। किसी सत्ता के सामने मिमियाना मेरी फितरत नहीं। उसके लिए बहुतेरे एंकर और रिपोर्टर हैं, उन्हें देखा करें आप।
इसके बाद अजीत अंजुम ने एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने ट्रोल को फटकारते हुए कहा कि मेरे पेज पर आकर गाली देने वाले ज्यादातर भक्त अपनी प्रोफाइल लॉक क्यों रखते हैं। छिप के गाली देते हो? आप जैसों हजारों भी आ जाएं तो अपनी सेहत पर फर्क नहीं पड़ता। आपकी आंखों पर भक्ति और नफ़रत का ऐसा चश्मा है कि आप कुछ और देख ही नहीं सकते । लगे रहो। कभी न कभी कृपा आएगी। कुछ मिल जाएगा। नहीं तो दो टकिया काम तो है ही।
ओवैसी भक्तों को भी दिया था जवाब
अजीत अंजुम ने सात जनवरी 2022 को एक पोस्ट करके असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के ट्रोल्स पर भी निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि बीते कुछ दिनों से ओवैसी की पार्टी के कार्यकर्ता मेरे ख़िलाफ़ दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मैं उनकी सभाओं में सपा समर्थक मुसलमानों को ले जाता हूँ और उनके ख़िलाफ़ बोलवाता हूँ।
अजीत ने सवाल करते हुए कहा कि क्या ये मुमकिन है? मैं दिल्ली से उनकी तीन या चार सभाओं में गया । उन्हें भी सुना और उनकी सभाओं में जो मौजूद थे, उनसे बात की, उनके स्टेज के सामने कुछ दूर पर लोगों से बात की । जिन्हें जो कहना था कहा, कोई समर्थन में बोलता है तो कई विरोध में। दो दिन पहले मुरादाबाद में भी ऐसे कई लोग मिले। दोनों तरफ़ की बात करने वालों की पूरी बात मेरे वीडियो में है। कोई औवैसी साहब का समर्थक था तो कोई उन्हें सुनने आया था।
अजीत अंजुम ने कहा कि वैसे तो मुझे ये सफ़ाई देने की जरुरत नहीं क्योंकि मुझे पता है जिन्हें दुष्प्रचार करना है तो मानेंगे नहीं। अगर बातचीत के दौरान कई मुस्लिम ओवैसी साहब के इत्तेफाक नहीं रखते हुए अपनी बात कहते हैं तो ये कह दिया जाता है कि मैं उन्हें सेट करके ले गया। मैं सुल्तानपुर के एक क़स्बे में गया था, जहां मेरे शो में ज़्यादातर लड़के ओवैसी साहब के समर्थक थे। वो वीडियो भी मेरे चैनल पर मौजूद है। विरोध करने वाले भी मुस्लिम हैं। समर्थन करने वाले भी मुस्लिम। मेरा क्या। लोग जो कहते हैं, मैं दिखाता हूँ। बाक़ी फ़ैसला जनता चुनावों में करती है।