नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाददुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ के निर्देश पर पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दिल्ली में शाही जामा मस्जिद का दौरा किया और उस गुंबद का निरीक्षण किया जो आंधी के सबब शहीद हुआ है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. मुमताज आलम रिज़वी, मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता, मजलिस दिल्ली, शाह आलम सिद्दीकी, महासचिव, राजीव रियाज़, राज्य सचिव, रेहान शेख, तहसीन हुसैन, महासचिव, बाबरपुर ज़िला, अनीस अहमद और अन्य शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने मस्जिद की छत पर जाकर नज़दीक से देखा तो पता चला कि मरकज़ी गुंबद का कलस तीन भागों में बना है और तूफान के कारण शहीद हो गया है। डॉ रिज़वी ने जब इमाम बुख़ारी से बात की तो उन्होंने कहा कि कलस के दो हिस्से ज़मीन पर गिर गए हैं जिससे उसे नुकसान हुआ, जबकि एक बड़ा हिस्सा टूट कर लटका हुआ है। जो हिस्सा टूटा और लटका हुआ है वह बहुत खतरनाक है। अगर यह ज़मीन पर गिरता है, तो यह बुर्जों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए मैंने पुरातत्व विभाग को उन्हें स्थिति से अवगत कराने के लिए पत्र लिखा है। मुझे उम्मीद है कि जल्द से जल्द इसकी मरम्मत कराई जाएगी।
इमाम बुखारी की मांग का समर्थन करते हुए डॉ रिज़वी ने कहा कि यह देश की बहुत बड़ी संपत्ति है और इसकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। वहीं कलीमुल हफ़ीज़ ने एक टवीट में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और इसके लिए सूबे की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बार-बार सरकारों को पत्र लिखकर मांग की थी कि मस्जिद की मरम्मत कराई जाए अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
शाह आलम ने कहा कि हमारी मांग है कि शाही जामा मस्जिद की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए क्योंकि यह एक ऐतिहासिक मस्जिद है। याद रहे कि दिल्ली वक्फ बोर्ड मस्जिद की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च करेगा ऐसी ख़बर फैलाई जा रही है लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है। मस्जिद की मरम्मत की जानी चाहिए और गंभीरता से इसको संरक्षित किया जाना चाहिए।