लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि एवं किसान कल्याण को सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि दशकों से गरीबी और विपन्नता का सामना कर रहे राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए गये हैं। योगी ने शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित ‘एग्रो एण्ड फूड टेक-2020’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण को सरकार की सर्वाच्च प्राथमिकता है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए गये हैं। राज्य के 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपए की धनराषि का ऋण माफ किया गया। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के माध्यम से दो करोड़ से अधिक किसानों को सीधे आर्थिक सहायता पहुंचाई गयी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को व्यवस्थित रूप से लागू किया गया। राज्य सरकार के इन प्रयासों में केन्द्र सरकार का निरन्तर भरपूर सहयोग मिल रहा है। योगी ने विश्वास जताया कि भारतीय उद्योग परिसंघ के इस आयोजन से प्रदेश के किसानों और कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा प्राप्त होगी। साथ ही, इसमें प्रतिभाग कर रहे उद्यमी प्रदेष में कृषि क्षेत्र की अपार सम्भावनाओं को देखते हुये विभिन्न फसलों, सब्जियों, फलों, दुग्ध एवं अन्य क्षेत्रों में उत्पादन एवं प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रेरित होंगे।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी कृषक हितकारी अधिनियमों के माध्यम से किसानों को अपने उत्पादों के कहीं भी विपणन तथा उनके भण्डारण की स्वतन्त्रता दी गयी है। कोविड-19 के बावजूद सीआईआई द्वारा वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के समय जब अन्य सेक्टरों के विकास की गति मंद रही, कृषि सेक्टर ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की। उन्होंने कहा कि देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। खाद्यान्न, सब्जी, चीनी एवं दुग्ध उत्पादन में राज्य, देश में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस काल खण्ड में सी0आई0आई0 द्वारा यह आयोजन कृषि क्षेत्र की प्रासंगिकता और सम्भावनाएं दर्शाता है।