बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद अब दिल्ली की अदालत से भी मिली जमातियों को क्लीन चिट, आठ जमाती बरी

नई दिल्लीः कोरोना फैलाने के आरोपों का सामने करने वाली तब्लीग़ी जमात के लोगों को दिल्ली साकेत कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने तबलीगी जमात से जुड़े आठ लोगों को बीते रोज़ सोमवार को बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। बरी किए गए आठ लोगों में से दो लोग इंडोनेशिया से, एक किर्गिस्तान से, दो थाईलैंड से, एक नाइजीरिया से, एक कजाकिस्तान से और एक जमाती जॉर्डन से है।

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जानकारी के लिये बता दें कि इसी साल मार्च महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीग़ी जमात के मरकज़ का मामला सामने आया था। तब मीडिया और दिल्ली सरकार ने कोरोना तब्लीग़ी जमात से जुड़े लोगों पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जमातियों के खिलाफ क़ानूनी कार्रावाई करने की सिफारिश की थी। जिसके बाद वीजा शर्तों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में लिप्त होने तथा सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण दिल्ली पुलिस ने 955 विदेशियों को आरोप पत्र सौंपा था। इनमें से बहुत से जमातियों ने याचिकाएं दायर कीं थीं और अपने देश लौट गए थे। हालांकि 44 लोगों ने दिल्ली में अपने खिलाफ लगाए आरोपों का सामना करने का फैसला लिया था।

अदालत बाकी के 36 को विदेशी अधिनियम की धारा 14 और भारतीय दंड सहिंता की धारा 270 और 271 के तहत के तहत बरी कर चुकी है। हालांकि ये अभी भी महामारी अधिनियिम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड सहिंता की दूसरी धाराओं के तहत खुद पर लगे आरोपों का सामना कर रहे हैं।

चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर ने तबलीगी जमात के आठ लोगों को बरी  करते हुए कहा, ‘संपूर्ण चार्जशीट और संलग्न दस्तावेज उस अवधि के दौरान ना तो उनकी उपस्थिति दिखाते हैं और ना ही उनके मरकज़ के कार्यक्रम में शिरकत करने के बारे में पता चलता है।’ अदालत ने आगे कहा कि जैसा आरोप है, मगर यह बताने के लिए रिकॉर्ड में कोई दस्तावेज़ भी नहीं है कि वह तबलीग़ के काम में शामिल प्रतिभागियों में से एक थे।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी लगाई फटकार

बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में जमातियों को मीडिया ट्रायल और सरकार पर नाराज़गी जताई थी। कोर्ट ने यहां तक कह दिया था कि जमातियों को मीडिया और सरकार द्वारा बलि का बकरा बनाया गया। बता दें की मार्च के आख़िर और अप्रैल के शुरुआती सप्ताह में जमात का फोबिया फैलाया गया था, मीडिया ने जमातियों के लिये ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल किया, जिससे लगा कि तब्लीग़ी जमात ही कोरोना फैलाने के लिये ज़िम्मेदार है।