जयपुर: आज हमारे देश का माहौल बहुत खराब है। लोगों में नफरत और अविश्वास फैल रहा है। आज देश का मीडिया सरकार के दबाव में है। मीडिया के मालिक दबाव में हैं। यह एक चिंता वाली बात है। लोकतंत्र में असहमति और आलोचना को स्वीकार करना चाहिए। ऐसे में पत्रकारिता विश्वविद्यालय मीडिया में ज़िम्मेदारी और शिक्षा का प्रसार करेगा।
ये विचार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय के भवन निर्माण कार्य के वर्चुअल शिलान्यास के अवसर पर व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बहुत पुराना सपना था कि राजस्थान में पत्रकारिता और जनसंचार विवि की स्थापना हो। उन्होंने कहा कि कोरोना की परिस्थितियों के कारण हम राजस्थान भर के पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों को आमंत्रित करके जैसा कार्यक्रम करना चाहते थे, वैसा तो नहीं कर सके, लेकिन हालात बेहतर होने पर सबके साथ संवाद का आयोजन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस विवि से निकले हुए पत्रकार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि हमारा सपना आज साकार होता दिख रहा है।
इस मौक़े पर राज्य और उच्चशिक्षा मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि जनसंचार का उद्देश्य लोगों के बीच संवाद कायम करना है। उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि पत्रकारिता और जनसंचार विवि देश दुनिया के बेहतरीन पत्रकारों को तैयार करेगा।
इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव ने कहा कि हमारी सरकार की कोशिश रही है कि शिक्षा के क्षेत्र में गरीब और कमज़ोर तबके के बच्चे भी अच्छी और उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस दिशा में पिछली सरकार द्वारा बंद कर दिए गए विश्वविद्यालय को दुबारा शुरू करने से हमारी प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।
इस मौक़े पर विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को दुबारा शुरू करके एक सपने को साकार किया गया है। पहली बार सरकार समर्थित विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक अध्ययन शुरू किया गया है। एक ऐसे वक़्त में जब पत्रकारिता के पेशे में लगातार गिरावट आती जा रही है, पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के लिए विद्यार्थियों का उत्साह बताता है कि मीडिया का भविष्य रोशन है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम कई मामलों में अनूठे हैं। उनमें समाज और राजनीति की समझ के साथ नैतिकता, मानवाधिकार, न्याय, गांधी दर्शन, जेंडर विवेक जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अभी एक पौधा है जो एक दिन बड़ा छायादार वृक्ष बनेगा।
इस अवसर पर आर्किटेक्चर सलाहकार विजय कुलकर्णी द्वारा विश्वविद्यालय के भवन के प्रारूप और निर्माण योजना का भी प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री प्रस्तावित प्रारूप की तारीफ़ करते हुए आरएसआरडीसी को पहल चरण का निर्माण निर्धारित अवधि से पहले पूरा करने की हिदायत दो। निर्माण की पूरी परियोजना लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ की है।