राहत इंदौरी का निधन एक युग का अंत है: आदिल सईद

मुंबई:  युवा फिल्म निर्देशक आदिल सईद ने जाने माने शायर राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि राहत की शायरी,उनके लब व लहजे और अद्भुत शैली का कमाल था कि दिल्ली, लखनऊ, इंदौर, बनारस, कराची, लाहौर, दुबई और न्यूयॉर्क समीत हर जगह लोकप्रिय थे।जहां उर्दू बोली और समझी जाती है।

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आदिल ने कहा कि उनके आगमन पर हॉल तालियों,वाह वाही और प्रशंसा से गूंजता रहता था। इसमें क़तई कोई शक नहीं होना चाहिए कि वह मुशायरे को लूटने की क्षमता रखते थे । यह बात फिल्म इंडस्ट्री के युवा निर्देशक आदिल सईद ने कही।  उन्होंने कहा कि राहत एक संजीदा शायर होने के साथ-साथ जानते थे कि नौजवानों की नब्ज़ को कैसे पकड़ा जाए। आदिल सईद ने कहा कि उनकी शायरी जीवन की समस्याओं और कठिनाइयों से लड़ने के लिए साहस और हिम्मत देती है।

आदिल सईद ने कहा कि राहत इंदौरी ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी गाने लिखे। इनमें फिल्म “ घातक”का गीत ‘कोई जाए तो ले आए’, फिल्म इश्क का ‘नींद चुराई मेरी’ और मुन्ना भाई एमबीबीएस जैसी प्रसिद्ध फिल्म का गाना ‘एम बोले तो मुन्ना भाई’ शामिल है जो बहुत लोकप्रिय हुआ। राहत इंदौरी के निधन को उर्दू साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति बताते हुए आदिल सईद ने कहा कि राहत इंदौरी का निधन एक युग का अंत है।