देहरादून: हरिद्वार में आयोजित एक धर्म संसद के संबंध में 10 लोगों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस धर्म संसद में कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ कुछ प्रतिभागियों द्वारा द्वेषपूर्ण बयान दिया गया था। ज्वालापुर के वरिष्ठ उपनिरीक्षक नितेश शर्मा ने बताया कि मामले में दूसरी प्राथमिकी रविवार को हरिद्वार के ज्वालापुर थाने में क्षेत्र के निवासी नदीम अली की शिकायत के आधार पर दर्ज की गयी।
उन्होंने कहा कि दूसरी प्राथमिकी में दस लोगों के नाम हैं जिनमें कार्यक्रम के आयोजक यति नरसिम्हानंद गिरि, जितेंद्र नारायण त्यागी (जिन्हें पहले वसीम रिज़वी के नाम से जाना जाता था), सिंधु सागर, धर्मदास, परमानंद, साध्वी अन्नपूर्णा, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रबोधानंद गिरी शामिल हैं।
अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकी ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई और नगर पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दी गई जहां मामले के संबंध में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच के लिए रविवार को एक विशेष जांच दल का भी गठन किया गया था। उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर 16 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का जबरदस्त दबाव है।
धर्म संसद में भड़काऊ बयान देने वालों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर मुसलमानों ने शुक्रवार और शनिवार को देहरादून और हरिद्वार में विरोध मार्च निकाला।