मोहम्मद आदिल ख़ान
डियर प्राइम मिनस्टर नरेंद्र मोदी, आपने इस डिजिटल इंडिया में अपनी माता जी को उनके 100वीं सालगिराह पर चिट्ठी लिखी, पढ़कर अच्छा लगा. उससे भी ज्यादा अच्छा उस चिट्ठी में आपके घर पले-बढ़े एक मुस्लिम लड़के अब्बास का जिक्र पढ़ के लगा। लोग उस अब्बास को ढूंढना चाहते हैं, उससे मिलकर आपके बारे में जानना चाहते हैं, लोग तो आपकी चाय की दुकान का भी पता लगाना चाहते हैं. लेकिन मैं ऐसा कुछ नहीं चाहता.अलबत्ता भारत के आम शोषित, वंचित मुसलमान उस अब्बास में खुद को ढूंढ रहे हैं. वो सोच रहे हैं कि काश उन्हें भी वो बचपन वाले नरेंद्र मोदी मिल जाएं.. लुटियन्स वाले मोदी के घर की राहें तो उन मुसलमानों के लिए बहुत सख्त नज़र आती हैं।
ताज्जुब ये है कि आप अब्बास को अपने घर रख लेते हैं, और आपकी पार्टी के ही नेता और मंत्री अनगिनत अब्बास और अबदुलों को हर रोज़ गद्दार बताकर दूसरे देश जाने की सलाह देते हैं। आपने ही बताया है कि आपके घर में ईद पर अब्बास के लिए आपकी मां उसकी पसंद का खाना बनाती थीं. लेकिन अब- एक अखलाक को उसके त्योहार के दिन वो क्या खाएगा, क्या नहीं- इसके नाम पर पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया जाता है। आप और आपकी मां अब्बास की खुशी में खुश होते थे.. लेकिन आज आपकी पार्टी के नेता किसी अब्बास या अब्दुल के घर- या हवालात में उसकी हड्डियां तोड़े जाने पर जश्न मनाकर उसे रिटर्न गिफ्ट बताते हैं।
हमें पता है आपको कुछ ही दिनों में अरब देश की यात्रा पर जाना है.. उससे पहले आपकी इस चिठ्ठी को लोग शक की निगाह से देखेंगे लेकिन मैं आपको यकीन दिलाता हूं, मुझे ये चिठ्ठी पढ़कर ज़रा भी ताज्जुब नहीं हुआ, और न कोई शक। मैं अब्बास को लेकर आपकी पीड़ा समझ सकता हूं। आज अब्बास और अब्दुल भी इस चिट्ठी में छिपी आपकी पीड़ा और प्रेम दोनों को समझ रहे हैं।
अब्बास के लिए आपके परिवार ने जो किया, उम्मीद है वही सब कुछ आपकी सरकार अब्दुल के लिए भी करेगी।.. प्रधानमंत्री जी आपको भरोसा देना होगा कि अब्दुल की पसंद का खाना चाहें वो वेज हो या नॉन वेज- उससे किसी को एतराज़ नहीं होगा। आपको तय करना होगा कि आज के अब्बास की पसंद के कपड़े- चाहें वो टोपी या कुर्ता-पजामा हो, उनसे कोई उन्हें पहचानने की बात नहीं करेगा, अब्बास के कपड़ों को उसकी पहचान बनाकर उन्हें गाली की शक्ल में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.
मोदी जी आपको तय करना होगा कि अब्बास के कब्रिस्तान की दीवार पर तंज करके कोई ज़हरीले शब्दों की पेंटिंग नहीं करेगा. ये भी आपको तय करना होगा कि अब्बास के घर को ज़मींदोज़ करने के लिए कोई बदले की शक्ल में कदम नहीं उठाएगा।
मैं ये सोचकर रोमांचित हुआ जाता हूं कि कहां आप शुद्ध शाकाहारी और कहां अब्बास गोश्त खाने वाला,, कैसे आपने साथ बैठकर एक साथ प्रेम से खाना खाया होगा। अब्बास जबतक आपके घर में रहा होगा तो कितने सुकून से सोता होगा.. और अब तो हर पल अब्दुल एक डर के साये में जीता है. आपने एक बार बताया था कि गरीबी के कारण आप कम पढ़ लिख पाए, लेकिन आपकी चिट्ठी पढ़कर मुझे खुशी हुई कि आपकी उसी परिवारिक गरीबी में- आपकी कुरबानियों के चलते- अब्बास अच्छे से पढ़ लिख गया।
उम्मीद करता हूं कि पढ़ने लिखने के बाद अब्बास ने पंचर बनाने की दुकान नहीं खोली होगी जैसा कि एक आत्माघाती गिरोह हर मुसलमान के बारे में कहता है. उम्मीद है कि न तो अब्बास की चार बीवियां होगीं और न चालीस बच्चे जैसा कि इस देश की कुछ नालायक संतानें सब मुसलमानों के बारे में कहती हैं।
वो नालायक लोग, अब्बास की बेटियों का हिजाब खींच लेना चाहते हैं. अब्बास तो आपके घर रहकर पढ़ लिख गया.. लेकिन अनगिनत बच्चियों को अपने हिजाब के लिए अपनी पढ़ाई की कुरबानी देनी पढ़ गई. उम्मीद है अब्बास की बेटियों का दुख आपको भी सताता होगा।
अब्बास हलाल खाता है लेकिन आपकी पार्टी की हुकुमत वाले राज्यों में.. हलाल का विरोध कर उसके सम्मान और रोज़गार को झटका दिया जाता है. मुझे यकीन है कि आपको उसके हलाल खाने से कभी दिक्कत नहीं रही होगी। मोदी जी आपकी पार्टी के लोग अब्बास के पैगंबर का अपमान करते हैं, उसकी आस्थाओं को गाली देते हैं.. ये क्रम आज भी जारी है. अब्बास और अब्दुल बहुत दुखी हैं. वो विरोध करते हैं तो पत्थर चलाने के बदले उनके घरों पर बुलडोज़र चल जाता है.
मगर आपकी एक योजना का विरोध करने वाले देश भर में आग लगा देते हैं तब भी कुछ नहीं होता, सिवाये उन्हें आरक्षण का गिफ्ट देने के किसी को गिफ्ट दिए जाने से अब्बास को एतराज़ नहीं है, मगर बुलडोजर चलाने की सनक अब्बास और अबदुल को तबाह कर रही है और कोई भी तबाही पूरे समाज के लिए सिर्फ और ज्यादा तबाही लेकर आती है. क्या आप अपने अब्बास के घर को टूटने से बचा सकते हैं, हां शायद आप ही बचा सकते हैं।
अब्बास पर जुल्म करने वाला, सिर्फ आपकी बात ही मान सकता है, क्योंकि आपने अब्बास को परखा है, न वो चोर है न लुटेरा, न वो आपके घर से ज़ेवर लेकर भागा और न ही उसने आपको कभी धोखा दिया।
अब्बास के दुश्मन बन गए समाज को सिर्फ आप ही समझा सकते हैं.. सिर्फ आप ही हैं जो उन्हें अपने मन की बात के जरिए, अब्बास के मन का हाल बता सकते हैं। अब्बास की मस्जिदों में सर्वे की जगह उसका भविष्य कैसे बेहतर बने, इसके लिए सर्वे करवाने का हुक्म जारी करवा दीजिए।
डियर मोदी जी उम्मीद है कि देश के लिए दी गई मुसलमानों की कुरबानियों के बदले.. उनसे पूर्व के शासकों के नाम पर बदला लेने का चलन आप खत्म करवाएंगे। इसी उम्मीद के साथ ये चिट्ठी यहीं पर खत्म करता हूं।
आप राजधर्म का पालन करते हुए खूब तरक्की करें यही दुआ है।
आपका अबदुल